पटना न्यूज डेस्क: बिहार में डोमिसाइल नीति को लेकर एक बार फिर छात्रों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। राजधानी पटना में बड़ी संख्या में युवा हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर सड़कों पर उतर आए और सरकार से डोमिसाइल पॉलिसी लागू करने की मांग करने लगे। नारेबाजी करते हुए आंदोलनकारी मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जेपी गोलंबर के पास ही रोक दिया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने भी सख्त रुख अपनाते हुए वाटर कैनन जैसी व्यवस्थाएं पहले से तैयार रखी थीं।
प्रदर्शन कर रहे युवाओं का कहना था कि बिहार में सरकारी नौकरियों पर पहला हक बिहार के युवाओं का होना चाहिए। उनका आरोप है कि वोट तो बिहार के लोग देते हैं, लेकिन नौकरी पर बाहरी लोग कब्जा कर लेते हैं। छात्रों ने ‘वोट दे बिहारी, नौकरी ले बाहरी अब नहीं चलेगा’ जैसे नारों के जरिए अपना गुस्सा जाहिर किया। पुलिस के समझाने के बाद भी आंदोलनकारी शांत नहीं हुए और डोमिसाइल लागू करने की अपनी मांग पर अड़े रहे।
इस प्रदर्शन की जानकारी पहले ही दी जा चुकी थी। बिहार स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष और छात्र नेता दिलीप कुमार ने 5 जून को ‘संपूर्ण क्रांति दिवस’ के मौके पर पटना में बड़े आंदोलन का ऐलान किया था। उनका कहना था कि राज्य में डोमिसाइल नीति को लागू किए बिना बिहार के युवाओं के साथ न्याय नहीं हो सकता। आज राजधानी की सड़कों पर जो उग्र प्रदर्शन देखने को मिला, वह इसी आंदोलन का हिस्सा था जो सरकार से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार में प्राथमिकता देने की मांग कर रहा है।