पटना न्यूज डेस्क: पटना से टैक्स चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें माचिस के डिब्बों में सिगरेट छिपाकर करोड़ों रुपये की टैक्स हेराफेरी की जा रही थी। यह पूरा खेल पटना सिटी इलाके में चल रहा था। वाणिज्य कर विभाग को जब इसकी गुप्त सूचना मिली, तो छानबीन के बाद पता चला कि एक फैक्ट्री ने सिर्फ 1.6 लाख रुपये के कारोबार का हिसाब दिखाया है, जबकि असली उत्पादन इससे कई गुना ज़्यादा था।
इस फैक्ट्री का संचालन नवादा के हिसुआ में किया जा रहा था, जहां से सिगरेट बनाकर उन्हें माचिस के नाम पर सप्लाई किया जा रहा था। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरा में रजिस्ट्रर्ड एक फर्जी व्यापारिक नाम का इस्तेमाल करके ई-वे बिल बनाए गए और उसी आधार पर ट्रकों से माल भेजा गया। जब इन वाहनों की जांच की गई, तो पूरी सच्चाई सामने आ गई।
विभाग की इंटेलिजेंस टीम ने जैसे ही पुख्ता जानकारी पाई, तुरंत छापेमारी की। फैक्ट्री से सैकड़ों कार्टन सिगरेट के अलावा कई जरूरी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। अब विभाग पटना सिटी में इस सिंडिकेट से जुड़े मुख्य कारोबारी के अन्य दस्तावेज और रजिस्ट्रेशन की जांच कर रहा है, ताकि पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके।
सूत्रों की मानें तो यह एक पूरा संगठित गिरोह है, जो सिगरेट जैसे उत्पादों की बड़े स्तर पर अवैध सप्लाई कर टैक्स चोरी कर रहा था। माचिस के बहाने सिगरेट भेजना इस गिरोह की सोची-समझी चाल थी, जिससे न सिर्फ टैक्स बचाया जा सके, बल्कि जांच एजेंसियों को भी गुमराह किया जा सके। फिलहाल मामले की जांच जारी है और विभाग अब इसे मॉडल केस बनाकर बाकी जिलों में भी कार्रवाई की योजना बना रहा है।