पटना न्यूज डेस्क: देशभर में मशहूर बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा का 5 नवंबर, मंगलवार को निधन हो गया। वे दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी समय में जिंदगी की जंग हार गईं। उनका पार्थिव शरीर आज (बुधवार) सुबह 9:40 की फ्लाइट से दिल्ली से पटना लाया जाएगा। बता दें कि लगभग डेढ़ महीने पहले ही शारदा सिन्हा के पति का भी निधन हो चुका था। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी मां की अंतिम इच्छा क्या थी।
दिल्ली में मंगलवार रात पत्रकारों से बातचीत करते हुए अंशुमान सिन्हा ने कहा कि मातृ शोक से बढ़कर कुछ भी नहीं होता। उन्होंने बताया कि छठ पर्व शारदा सिन्हा के लिए बेहद खास था। जब उन्होंने पहली बार छठ मनाया था, तो घर के आंगन से ही इसके गीतों को चुना था। 1978 में उनका पहला छठ एल्बम रिलीज हुआ था और इस यात्रा का सिलसिला अब तक जारी रहा। उनकी अंतिम इच्छा यह थी कि उनका अंतिम संस्कार उसी स्थान पर किया जाए, जहां उनके पति का हुआ था।
अंशुमान सिन्हा ने बताया कि इस बारे में विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ महीने पहले उनके पिता का अंतिम संस्कार पटना के गुलबी घाट पर किया गया था, और अब उनकी इच्छा है कि मां का भी वहीं अंतिम संस्कार किया जाए, ताकि दोनों को शांति मिल सके। इसी वजह से पटना को अंतिम संस्कार के लिए चुना गया है और गुलबी घाट पर यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
लोक गायिका शारदा सिन्हा के कई प्रशंसक हैं। उनके पार्थिव शरीर को बुधवार को दिल्ली से पटना लाया जाएगा, जहां लोग अंतिम दर्शन कर सकेंगे। हालांकि, आज यानी बुधवार को उनका अंतिम संस्कार नहीं होगा। निर्णय लिया गया है कि गुरुवार (07 नवंबर) को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दौरान उनके परिवार के सदस्य और अन्य चाहने वाले लोग अंतिम दर्शन कर सकेंगे।