ताजा खबर

2023 से पहले की गाड़ियां खराब कर रहा इथेनॉल वाला पेट्रोल! सरकार की नीति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका

Photo Source :

Posted On:Saturday, August 23, 2025

केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल में 20% इथेनॉल (E20) मिलाने की नई नीति को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) के माध्यम से चुनौती दी गई है। इस याचिका में इस नीति को वाहन मालिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए कई गंभीर प्रश्न उठाए गए हैं। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि पेट्रोल पंपों पर इथेनॉल-मुक्त पेट्रोल (E0) का विकल्प उपलब्ध कराया जाए और E20 पेट्रोल पर स्पष्ट लेबलिंग अनिवार्य की जाए, जिससे उपभोक्ताओं को सही जानकारी मिल सके कि वे किस प्रकार का ईंधन उपयोग कर रहे हैं। यह मामला न केवल उपभोक्ताओं के अधिकारों से जुड़ा है, बल्कि इसके पर्यावरणीय, ऑटोमोबाइल उद्योग और नीति क्रियान्वयन पर भी व्यापक प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

उपभोक्ताओं के अधिकारों पर असर

याचिका में एडवोकेट अक्षय मल्होत्रा ने तर्क दिया है कि बिना इथेनॉल-मुक्त विकल्प के केवल E20 पेट्रोल बेचना लाखों वाहन मालिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। भारत में कई ऐसे वाहन हैं जो अप्रैल 2023 से पहले बने हैं और E20 मिश्रण के लिए पूरी तरह अनुकूल नहीं हैं। याचिका में कहा गया है कि उपभोक्ताओं को यह जानने का अधिकार है कि वे अपने वाहनों में किस प्रकार का ईंधन डाल रहे हैं। बिना स्पष्ट सूचना के E20 पेट्रोल बेचना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत सूचित विकल्प के अधिकार का उल्लंघन है। यह नीति उन वाहन मालिकों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है जिनके वाहन पुराने हैं या जिन्हें E20 के अनुरूप तकनीकी बदलाव नहीं मिले।

वाहनों के पुर्जों पर पड़ रहा प्रभाव

याचिका में बताया गया है कि E20 पेट्रोल के इस्तेमाल से वाहनों की ईंधन दक्षता में कमी आ रही है, जिससे माइलेज घटता है और उपभोक्ताओं को अधिक ईंधन खरीदना पड़ रहा है। इसके अलावा, इथेनॉल के रासायनिक गुणों के कारण ईंधन लाइनों, रबर और प्लास्टिक के हिस्सों सहित कई पुर्जों में जंग लगने और क्षति होने की समस्या सामने आई है। इससे वाहनों की मरम्मत का खर्च बढ़ता है और उनकी उम्र कम हो जाती है। बीमा कंपनियां भी E20 से हुए नुकसान के दावों को खारिज कर रही हैं, जिससे वाहन मालिकों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

ऑटोमोबाइल निर्माताओं को नहीं मिला पर्याप्त समय

याचिका में सरकार के फैसले को ‘मनमाना और अनुचित’ बताया गया है क्योंकि ऑटोमोबाइल निर्माताओं को E20 के अनुरूप वाहन डिजाइन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। अप्रैल 2023 से पहले बने वाहन, भले ही वे BS-VI मानकों के अनुसार हों, E20 के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। इससे निर्माता और उपभोक्ता दोनों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। याचिकाकर्ता ने सरकार से कहा है कि इस तरह के निर्णय लेने से पहले एक व्यवस्थित रोडमैप तैयार किया जाना चाहिए था, जिसमें तकनीकी बदलावों के लिए पर्याप्त अवसर मिले होते।

याचिका में मांगी गई राहतें

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि पेट्रोल पंपों पर इथेनॉल-मुक्त पेट्रोल (E0) की बिक्री फिर से शुरू की जाए ताकि वाहन मालिक अपनी जरूरत के अनुसार ईंधन चुन सकें। साथ ही, E20 पेट्रोल पर स्पष्ट और समझने योग्य लेबलिंग अनिवार्य हो, जिससे उपभोक्ताओं को पता चले कि वे किस प्रकार का ईंधन खरीद रहे हैं। इसके अलावा, याचिका में E20 पेट्रोल के दीर्घकालिक प्रभावों और गैर-अनुकूल वाहनों पर इसके असर का अध्ययन कराने की भी मांग की गई है।

विदेशों में भी होती है स्पष्ट लेबलिंग

याचिका में अमेरिका, यूरोपीय संघ जैसे देशों का उदाहरण देते हुए बताया गया है कि वहां इथेनॉल-मुक्त पेट्रोल उपलब्ध है और मिश्रित ईंधन के स्पष्ट लेबल लगाए जाते हैं, ताकि उपभोक्ता सूचित निर्णय ले सकें। भारत में अक्सर उपभोक्ताओं को इस बात की जानकारी नहीं होती कि उनके वाहन में इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल डाला जा रहा है, जिसे उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन माना गया है।

सरकार का पक्ष

केंद्र सरकार का कहना है कि E20 पेट्रोल नीति पर्यावरण के लिए लाभकारी है। इससे कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम होती है, विदेशी मुद्रा की बचत होती है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटता है। इसके साथ ही यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देता है क्योंकि इथेनॉल उत्पादन से किसानों को अतिरिक्त आय मिलती है। सरकार के अनुसार, ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) और अन्य संस्थानों के परीक्षणों में E20 पुराने वाहनों के लिए भी सुरक्षित पाया गया है। हालांकि, याचिकाकर्ता का तर्क है कि पर्यावरणीय लाभों के साथ उपभोक्ताओं की सुविधा, वाहन अनुकूलता और सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।


पटना और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Patnavocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.