पटना न्यूज डेस्क: राजधानी पटना और राज्य के अन्य हिस्सों में वायु प्रदूषण की स्थिति इन दिनों बेहद गंभीर हो गई है। मंगलवार को गांधी मैदान इलाका सबसे अधिक प्रदूषित रहा, जहां वायु प्रदूषण का स्तर 348 एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) दर्ज किया गया। इसके अलावा शेखपुरा में भी प्रदूषण का स्तर 302 एक्यूआइ तक पहुंच गया, जो सामान्य से कहीं अधिक था।
पटना के अलावा राज्य के अन्य प्रमुख क्षेत्रों जैसे दानापुर, राजवंशीनगर, और तारामंडल में भी वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी गई। इन क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर आमतौर पर उच्च रहता है, लेकिन हाल की स्थिति में यह और अधिक गंभीर हो गया है। इसके अलावा हाजीपुर, बिहारशरीफ, और सासाराम जैसे स्थानों पर भी वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है, जो कि स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ. डीके शुक्ला ने इस स्थिति पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि वातावरण में बढ़ी हुई नमी के कारण वायु प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ गई है। धूलकण तो पहले की तरह वातावरण में उड़ रहे थे, लेकिन अब नमी के बढ़ने से प्रदूषण और भी गंभीर हो गया है। हवा की गति भी धीमी हो गई है, जिससे धूल और नमी का मिश्रण एक परत की तरह वातावरण में बन गया है।
पटना और राज्य के अन्य शहरों में प्रदूषण के स्तर को लेकर जारी आंकड़ों के अनुसार गांधी मैदान में 348, शेखपुरा में 302, और दानापुर में 287 एक्यूआइ दर्ज किया गया है। इसके अलावा राजवंशीनगर और तारामंडल में क्रमशः 225 और 194 एक्यूआआई स्तर पर प्रदूषण देखा गया। राज्य के अन्य प्रमुख शहरों में भी प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जैसे सासाराम, हाजीपुर, और भागलपुर जहां प्रदूषण स्तर 270 और बिहारशरीफ में 210 एक्यूआआई दर्ज किया गया है।
वायु प्रदूषण के मानक के अनुसार, 0 से 50 के बीच प्रदूषण स्तर को 'अच्छा' माना जाता है, जबकि 51 से 100 के बीच इसे 'संतोषजनक' और 101 से 200 के बीच 'मध्यम' कहा जाता है। 201 से 300 के बीच प्रदूषण को 'खराब' और 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' माना जाता है, जबकि 400 से ऊपर इसे 'गंभीर' स्थिति के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। पटना और अन्य शहरों में प्रदूषण का स्तर इस गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है।
वहीं, अगले कुछ दिनों तक आसमान में हल्के बादल छाए रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, बगहा और आसपास के क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहेगा और वहां सुबह में हल्का कुहासा दिखाई दे सकता है। मौसम में यह बदलाव 18 से 22 दिसंबर तक बने रहने की संभावना है।
इस मौसम के बदलाव के साथ तापमान में वृद्धि का अनुमान है। बदली और शुष्क मौसम के कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। पच्छुआ हवा 5 से 7 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलेगी, जिससे दिन में तेज धूप और रात में ठंडक महसूस होगी।
इस गंभीर वायु प्रदूषण और मौसम के प्रभाव के कारण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। पीएचसी के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को दोपहर तक करीब 70 मरीजों का इलाज हुआ था, जबकि मंगलवार को यह आंकड़ा 35 तक पहुंच गया। यह स्थिति नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि प्रदूषण और ठंड के कारण बीमारियों के मामलों में इजाफा हो रहा है।