पटना न्यूज डेस्क: पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने जिला समन्वय समिति की बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जनता की समस्याओं का समाधान करने में स्व-जिम्मेदारी और स्व-अनुशासन के साथ काम करें। उन्होंने जनता दरबार में लंबित आवेदनों का तेजी से निपटारा करने के लिए कहा। बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया है और उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। डीएम ने अधिकारियों से कहा कि वे लोगों की समस्याओं का समाधान उनके क्षेत्र में ही करें, जिससे उन्हें कार्यालयों का दौर नहीं लगाना पड़े।
पटना के जिलाधिकारी ने बैठक में लोक शिकायत निवारण और लोक सेवा के अधिकार से संबंधित मामलों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को जमीन संबंधी मामलों, अनापति प्रमाण-पत्र, सीमांकन और अतिक्रमण हटाने में तेजी लाने के लिए समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, न्यायालयों, लोकायुक्त और मानवाधिकार आयोग में लंबित मामलों का समय पर निष्पादन करने के लिए भी कहा।
पटना के जिलाधिकारी ने लोक शिकायत निवारण और आरटीपीएस से संबंधित मामलों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को एक माह से अधिक लंबित 469 मामलों और 45 कार्य दिवस से अधिक लंबित 253 मामलों का निपटारा करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, 89 मामलों में आर्थिक दंड लगाया गया और 25 मामलों में अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की गई। अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जिलाधिकारी ने सुनवाई से अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने अतिक्रमण मामलों का निपटारा करने के लिए 90 दिनों का समय दिया। भूमि विवादों के समाधान के लिए संयुक्त बैठकें करने और आरटीपीएस मामलों का अविलंब निपटारा करने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा, लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध दंड लगाने की भी बात कही है।
पटना के जिलाधिकारी ने जिला समन्वय समिति की बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया। बैठक से गायब रहने वाले कई उच्च पदाधिकारियों का एक दिन का वेतन रोक दिया गया और उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता, तो उनके विरुद्ध विभागीय और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।