पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र में गुलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) का खतरा लगातार बना हुआ है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को जानकारी दी कि इस बीमारी के कारण एक और व्यक्ति की मौत हो गई है। अब तक कुल छह मौतें दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें से एक की पुष्टि जीबीएस से हुई है, जबकि बाकी पांच मौतों को संदिग्ध माना जा रहा है। इस बीच, राज्य में तीन नए संदिग्ध मामले भी सामने आए हैं, जिससे कुल संदिग्ध मरीजों की संख्या 173 हो गई है। इनमें से 140 मामलों में जीबीएस की पुष्टि हो चुकी है।
पुणे जिले में इस बीमारी के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, पुणे शहर से 34 मरीज, हाल ही में पीएमसी में शामिल किए गए गांवों से 87 मरीज, पिंपरी-चिंचवड़ से 22 मरीज, पुणे ग्रामीण क्षेत्र से 22 मरीज, और अन्य जिलों से 8 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। अब तक 72 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किए जा चुके हैं, लेकिन 55 मरीज अभी भी आईसीयू में भर्ती हैं और 21 मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं और सतर्क रहें।
जीबीएस के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने 30 प्राइवेट जल आपूर्ति संयंत्रों को सील कर दिया है। ये संयंत्र सिंहगढ़ रोड के नांदेड़ गांव, धायरी और आसपास के इलाकों में स्थित थे। जांच में पाया गया कि इन संयंत्रों से सप्लाई किया जाने वाला पानी पीने योग्य नहीं था। स्वास्थ्य विभाग ने इन इलाकों को जीबीएस संक्रमण का केंद्र माना है और सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
पुणे नगर निगम के जल आपूर्ति विभाग के प्रमुख नंदकिशोर जगताप ने बताया कि पिछले दो दिनों में इन संयंत्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। कुछ संयंत्र बिना किसी अनुमति के संचालित हो रहे थे, जबकि कई जगह पानी में एस्चेरिचिया कोली बैक्टीरिया पाया गया। इसके अलावा, कई संयंत्रों में कीटाणुनाशक और क्लोरीन का उचित उपयोग नहीं किया जा रहा था, जिससे पानी दूषित होकर बीमारी फैलाने का कारण बन रहा था।