पटना न्यूज डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को पटना पहुंचे, जहां उन्होंने संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय संविधान और जाति जनगणना को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भागवत यह कहते हैं कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली, तो वे महात्मा गांधी, डॉ. अंबेडकर, भगवान बुद्ध और फुले की विचारधारा को नकारते हैं।
जाति जनगणना पर बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जाति जनगणना देश की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए बेहद आवश्यक है, लेकिन यह बिहार में की गई फर्जी जाति जनगणना की तरह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस जनगणना के आधार पर नीतियां बनाई जानी चाहिए और कांग्रेस इसे लोकसभा और राज्यसभा में पारित कराने की कोशिश करेगी। इसके साथ ही उन्होंने 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को तोड़ने का भी प्रस्ताव रखा।
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि आज देश की सारी संपत्ति सिर्फ कुछ ही लोगों के हाथों में सिमट कर रह गई है। उन्होंने कहा कि विधायकों और सांसदों के पास अब कोई वास्तविक ताकत नहीं बची है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के सांसद, जो पिछड़े वर्ग, दलित और आदिवासी समाज से आते हैं, खुद को पिंजरे में बंद महसूस कर रहे हैं।
आरएसएस पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "हम चाहते थे कि जैसे गंगा का पानी हर जगह बहता है, वैसे ही संविधान की विचारधारा देश के हर नागरिक और संस्था तक पहुंचे। लेकिन जब मोहन भागवत जैसे लोग भारत को 1947 में आजादी नहीं मिलने की बात करते हैं, तो वे संविधान और अंबेडकर, गांधी, बुद्ध की विचारधारा को नकारते हैं।