पटना न्यूज डेस्क: प्रशांत किशोर, जो बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे, उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई है। उन्हें सोमवार शाम को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, उनकी हालत गंभीर है और डॉक्टर लगातार उन्हें भोजन करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग हैं और अनशन जारी रखे हुए हैं।
मेदांता अस्पताल के डॉक्टर रवि शंकर ने बताया कि प्रशांत किशोर की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। उन्हें आईवी के जरिए न्यूट्रिशन दी जा रही है, लेकिन अगर उनका अनशन जारी रहता है तो उनकी सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है। डॉक्टर ने चेतावनी दी है कि अगर यह प्रक्रिया जारी रही तो उनके शरीर में कीटोन बॉडीज बनने लगेंगी, जो उनकी सेहत को और जटिल बना सकती हैं।
इस बीच, पटना में प्रशांत किशोर के खिलाफ एक और केस दर्ज किया गया है। उन पर कोर्ट परिसर में हंगामा करने, पुलिस से धक्का मुक्की करने और सरकारी कामों में बाधा डालने का आरोप लगाया गया है। साथ ही, इस मामले में 200 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस घटना के दौरान पुलिसकर्मियों में से एक जवान का हाथ भी टूट गया था।
पीरबहोर थाने के थानाध्यक्ष अब्दुल हलीम के बयान पर यह केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज की और आरोपियों की पहचान की कोशिश शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि यह घटना कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाली थी, इसलिए इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।
प्रशांत किशोर के अनशन के चलते अब उनके स्वास्थ्य और उनके द्वारा किए गए विरोध का मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है। उनकी तबीयत को लेकर चिंताएँ जताई जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर, उनके खिलाफ दर्ज हो रहे मामलों से उनकी सार्वजनिक छवि पर असर पड़ सकता है।