पटना न्यूज डेस्क: पटना की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी, बाजार समिति परिसर में अब कचरे की समस्या से निजात मिलने जा रही है। यहां जल्द ही एक आधुनिक बायोगैस प्लांट लगाया जाएगा, जिसकी मदद से हर दिन पैदा होने वाले जैविक कचरे को संसाधित कर उपयोगी गैस और खाद में बदला जाएगा। इससे न सिर्फ सफाई व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि कचरे के निपटारे का भी एक स्थायी समाधान मिलेगा।
पटना नगर निगम द्वारा लगाए जाने वाले इस बायोगैस प्लांट की क्षमता 5 टन प्रतिदिन (TPD) होगी। इस प्लांट को स्थापित करने की स्वीकृति केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने दी है। इसके तहत तैयार होने वाली बायोगैस का इस्तेमाल घरेलू खाना पकाने के साथ-साथ व्यावसायिक स्थानों पर भी किया जा सकेगा।
देशभर में सिर्फ चार शहरों—वाराणसी, बेंगलुरु, त्रिची और पटना—को इस खास परियोजना के लिए चुना गया है। यह योजना GIZ के 'वेस्ट सॉल्यूशन फॉर ए सर्कुलर इकोनॉमी इन इंडिया' प्रोजेक्ट के सहयोग से चलाई जाएगी। स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतरी के लिए यह पहल एक अहम कदम माना जा रहा है।
हर दिन मंडी से निकलने वाले लगभग 5000 किलो जैविक कचरे को इस प्लांट में प्रोसेस किया जाएगा, जिससे करीब 250 किलो बायोगैस और 500 किलो जैविक खाद तैयार होगी। अब इस कचरे को बैरिया भेजने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, जिससे समय और संसाधनों की भी बचत होगी। पटना नगर निगम इसकी रूपरेखा तैयार कर रहा है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।