पटना न्यूज डेस्क: एनएच-139, जो औरंगाबाद से पटना तक जाता है, को फोरलेन बनाने की योजना है, लेकिन अभी इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा, यह तय नहीं हो सका है। मंत्रालय से एलाइनमेंट की स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन Detailed Project Report (DPR) अभी तैयार नहीं हुआ है। अगर सब कुछ सामान्य रहता है, तो चार से पांच साल का समय लग सकता है। वर्तमान में सड़क की स्थिति बहुत खराब है, और औरंगाबाद से पटना तक 120 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग चार घंटे से अधिक समय लगता है।
इस खराब स्थिति से मुक्ति पाने के लिए मरम्मत का काम चल रहा है। सड़क के किनारे झाड़-झंखाड़ को हटाया जा रहा है और अरवल जिले के सहार से लेकर बिहार की सीमा के हरिहरगंज तक सफाई का काम किया जा रहा है। इंका इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (दिल्ली) कंपनी को इस सड़क को पांच साल तक दुरुस्त रखने का कार्य सौंपा गया है। मरम्मत का काम पिछले तीन महीनों से चल रहा है, और अब तक 35 मजदूरों को लगाया गया है।
सड़क के चौड़ीकरण के लिए कोई विशेष प्रस्ताव या योजना अभी तक नहीं बनी है। सड़क के शहरी क्षेत्रों में चौड़ाई नौ मीटर और ग्रामीण क्षेत्रों में सात मीटर है। सहायक अभियंता के अनुसार, जहां तक सड़क चौड़ी है, वहां तक कालीकरण का काम किया जाएगा। यह प्रयास सड़क की हालत सुधारने के लिए किया जा रहा है ताकि यातायात में सुगमता आए।
सड़क के फोरलेन बनने के बाद यात्रा के समय में कमी आने की उम्मीद है, लेकिन वर्तमान में सड़क की हालत ऐसी है कि वाहन हिचकोले खाते हुए चलते हैं और गड्ढों से जूझते हैं। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए मरम्मत का काम प्राथमिकता पर किया जा रहा है।