पटना न्यूज डेस्क: मौलाना मजहरुल हक़ अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय, पटना की अधिषद की 17वीं बैठक विश्वविद्यालय परिसर के सभागार में कुलपति प्रो. मोहम्मद आलमगीर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में विश्वविद्यालय के विकास और शैक्षणिक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित करने को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए संपूर्ण विश्वविद्यालय परिवार प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके कार्यकाल में नामांकन और परीक्षा की प्रक्रियाएं पूरी तरह नियमित कर दी गई हैं।
बैठक के दौरान प्रो. मोहम्मद आलमगीर ने बताया कि विश्वविद्यालय के आठों संकायों में पीएचडी के दूसरे बैच की नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। साथ ही, उन्होंने शिक्षा विभाग में लंबित नए पाठ्यक्रमों के प्रस्तावों पर चिंता जताई और सदस्यों से इस संबंध में सरकार से उच्चस्तरीय हस्तक्षेप की मांग करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि विश्वविद्यालय जल्द ही अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को रोजगार उन्मुख बनाने के लिए पांच नए सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने जा रहा है, जो पहले चरण में 10 मदरसों में निःशुल्क रूप से संचालित किए जाएंगे।
बैठक में विश्वविद्यालय के वार्षिक बजट (2025-26) को लेकर चर्चा की गई, जिसमें 36 करोड़ 78 लाख 65 हजार 764 रुपये का बजट सर्वसम्मति से पारित किया गया। अधिषद के सदस्यों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और शैक्षणिक विस्तार व विकास को प्राथमिकता देने पर सहमति जताई। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने विश्वविद्यालय की प्रगति की सराहना करते हुए शिक्षा को अधिक प्रभावी और रोजगारपरक बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही।
इस बैठक में पूर्व कुलपति प्रो. शर्फे आलम, प्रो. शम्सुज़ुहा, विधायक महबूब आलम, विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन, मुन्ना चौधरी, नथुनी खरवार, शाह जावेदी, डॉ. खुर्शीद अनवर, हस्मत नौशाबा, अब्दुल क़यूम अंसारी, डॉ. असदुल्लाह खान, परवेज उर रहमान सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। बैठक की शुरुआत असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तहसीन ज़मां द्वारा तिलावत-ए-कुरान पाक के पाठ से हुई। कार्यक्रम का संचालन कुलपति कर्नल कामेश कुमार ने किया और संकाय अध्यक्ष (मानविकी) डॉ. मो. एज़ाज़ आलम ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। बैठक का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।