पटना न्यूज डेस्क: बिहार में राज्य स्वास्थ्य समिति की परीक्षा में बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आने की संभावना जताई जा रही है। आर्थिक अपराध इकाई ने पटना सहित कई शहरों में छापेमारी की है, जिसके बाद अब तक 35 लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि हुई है। इस कार्रवाई के चलते कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की दो दिवसीय परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। यह परीक्षा राज्य के 12 जिलों में 4500 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की जा रही थी।
जानकारी के अनुसार, रविवार को आयोजित सीएचओ परीक्षा के दौरान रामकृष्णानगर समेत कई परीक्षा केंद्रों पर एक साथ छापे मारे गए। इस दौरान कुछ परीक्षा केंद्रों को सील भी किया गया। बताया जा रहा है कि पकड़े गए सभी आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है। इस कार्रवाई के बाद बिहार में एक और पेपरलीक मामले के उजागर होने की आशंका बढ़ गई है।
राज्य स्वास्थ्य समिति ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सीएचओ के 4500 पदों पर भर्तियों के लिए यह परीक्षा 1 और 2 दिसंबर को आयोजित की थी। परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड 27 नवंबर को जारी किए गए थे। हालांकि, परीक्षा केंद्रों पर हुई छापेमारी के बाद पहले से ही इसके रद्द होने की संभावना जताई जा रही थी।
इस छापेमारी ने राज्य में भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षा के आयोजन में हुई अनियमितताओं और फर्जीवाड़े के आरोपों की जांच जारी है। आर्थिक अपराध इकाई की इस कार्रवाई ने प्रशासन और अभ्यर्थियों के बीच हड़कंप मचा दिया है।