पटना न्यूज डेस्क: खान सर, जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने वाले एक प्रसिद्ध कोचिंग संचालक हैं, की तबीयत अचानक बिगड़ गई है। शनिवार को उन्हें पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में दाखिल करने के बाद, डॉक्टरों ने बताया कि खान सर को डिहाइड्रेशन और बुखार की समस्या हो गई थी, जिसके कारण उन्हें डॉक्टर प्रभात मेमोरियल अस्पताल में एडमिट किया गया।
शनिवार को खान सर पटना में BPSC की प्रारंभिक परीक्षा के बदलावों को लेकर हो रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। वह कई घंटों तक छात्रों के साथ रहे और उनके साथ खड़े होकर प्रदर्शन में भाग लिया। इसी दौरान यह अफवाह उड़ी कि उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यह खबर तेजी से फैल गई और उनके पुलिस स्टेशन में होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।
हालांकि, पटना पुलिस ने इस खबर का खंडन किया। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि खान सर को न तो हिरासत में लिया गया और न ही उनकी गिरफ्तारी हुई। सचिवालय थाना की एसडीपीओ डॉ. अनु कुमारी ने कहा कि खान सर स्वयं स्टेशन आए थे और उनके अनुरोध पर उन्हें सुरक्षित रूप से पुलिस वाहन से अटल पथ के पास छोड़ दिया गया। पुलिस ने इस मामले में सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाने के लिए 'खान ग्लोबल स्टडीज' के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज की है।
पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो पोस्ट वायरल हो रही थी, वह पूरी तरह से भ्रामक, निराधार और भड़काऊ थी। पोस्ट में यह झूठा दावा किया गया था कि खान सर को हिरासत में लिया गया है और उनकी रिहाई की मांग की जा रही थी। पुलिस ने इसे छात्रों के बीच भ्रम फैलाने का प्रयास बताया और इस तरह की पोस्ट को भ्रामक बताया।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि खान सर को अपनी मर्जी से गर्दनीबाग पुलिस स्टेशन लाया गया था और बाद में उनके आग्रह पर उन्हें पुलिस वाहन से अटल पथ के पास छोड़ दिया गया। इस बयान से यह साफ हो गया कि पुलिस ने खान सर के साथ किसी भी प्रकार की कठोरता नहीं दिखाई थी और यह घटना पूरी तरह से अफवाहों का परिणाम थी।
शनिवार को पटना में BPSC के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था। प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप था कि परीक्षा प्रक्रिया में अनावश्यक बदलाव किए गए हैं, जिससे उनकी तैयारी पर असर पड़ा है। वे इस बदलाव के खिलाफ जवाबदेही की मांग कर रहे थे।
हालांकि, BPSC अधिकारियों ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि परीक्षा के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अधिकारियों ने साफ किया कि सभी प्रक्रिया पहले की तरह चल रही है और छात्रों के द्वारा उठाए गए सवालों का समाधान किया जाएगा। इस पूरे विवाद के बावजूद, BPSC ने अपनी स्थिति स्पष्ट की और किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया।