पटना न्यूज डेस्क: पटना और वैशाली के बीच गंगा नदी पर बन रहा कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन केबल पुल इस साल पूरा हो जाएगा। इस पुल के बन जाने से दक्षिण और उत्तर बिहार के बीच की दूरी कम हो जाएगी, जिससे लोगों का सफर आसान और तेज होगा। इसके अलावा, झारखंड से नेपाल बॉर्डर तक की यात्रा भी सुगम हो जाएगी। इस पुल से पटना के जेपी सेतु, महात्मा गांधी सेतु और राजेंद्र सेतु पर गाड़ियों का दबाव कम होगा, जिससे जाम की समस्या से राहत मिलेगी। राघोपुर दियारा को सड़क से जोड़ने के बाद वहां के लोगों को भी बड़ी सहूलियत मिलेगी।
यह पुल आधुनिक केबल तकनीक से बनाया जा रहा है और इसकी कुल लंबाई एप्रोच रोड के साथ 19 किलोमीटर से अधिक होगी। मुख्य पुल की लंबाई 9.76 किलोमीटर होगी और इसे 67 पायो पर केबल के सहारे खड़ा किया जा रहा है। दो पायो के बीच की दूरी 160 मीटर होगी। पुल की ऊंचाई गंगा नदी के जलस्तर से लगभग 13 मीटर रखी गई है ताकि मानसून और बाढ़ के दौरान भी यह सुरक्षित रहे। पुल के नीचे से जल परिवहन वाले जहाज भी आसानी से गुजर सकेंगे। इस पुल को बनाने में करीब 4988 करोड़ रुपये की लागत आ रही है।
इस पुल के चालू होने से नवादा, मुंगेर और नालंदा से उत्तर बिहार जाने के लिए पटना आने की जरूरत नहीं होगी, जिससे ईंधन और समय की बचत होगी। बख्तियारपुर फोरलेन से इसकी कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है, जिससे राघोपुर दियारा के लोगों के लिए पटना और अन्य शहरों तक पहुंचना आसान होगा। आमस-दरभंगा फोरलेन से भी इसे जोड़ा जाएगा। यह पुल न केवल बिहार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और लोगों का जीवन सरल होगा।