पटना न्यूज डेस्क: पटना-गया रेलखंड पर अवैध रेलवे क्रॉसिंगों की भरमार अब जानलेवा बनती जा रही है। कड़ौना और सेवनन जैसे इलाकों में हाल ही में हादसे हो चुके हैं। हर बार दुर्घटना के बाद रेलवे विभाग सक्रिय होता है और कुछ अवैध फाटकों को बंद करने की कोशिश होती है, लेकिन कुछ ही दिन बाद सारी कवायद ठंडे बस्ते में चली जाती है। इस रूट पर 30 से ज्यादा ऐसे अवैध क्रॉसिंग हैं जहां लगातार खतरा बना रहता है।
वर्ष 2023 से अब तक इस रेल खंड पर 16 हादसे हो चुके हैं। 2023 में टेहटा और बेला में एक-एक दुर्घटना समेत कुल चार हादसे हुए। वहीं 2024 में अब तक छह दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें नदौल में तीन और नदवां, बेला व टेहटा के पास एक-एक हादसे शामिल हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस साल भी छह हादसे सामने आ चुके हैं, जिसमें जहानाबाद और नदौल के बीच चार तथा बेला और नदवां में एक-एक दुर्घटनाएं हुई हैं।
इन हादसों को रोकने के लिए रेलवे विभाग ने कुछ अवैध क्रॉसिंग पर अंडरपास सड़क बनाने की योजना बनाई थी, जैसे चमन बिगहा क्षेत्र में, लेकिन यह सिर्फ कागजों में ही रह गई है। विभाग के अनुसार, नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) अब तक नहीं मिल पाया है, इसलिए निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। नतीजा यह है कि जान जोखिम में डालने वाली स्थिति जस की तस बनी हुई है।
इन अवैध रेलवे क्रॉसिंग से सिर्फ पैदल लोग ही नहीं बल्कि भारी मालवाहक वाहन भी गुजरते हैं। हाल ही में कड़ौना हाल्ट के पास एक ट्रैक्टर की ट्राली रेलवे ट्रैक पर फंस गई थी, वहीं सेवनन हाल्ट के पास एक कार का पहिया पटरी में अटक गया था। सौभाग्य से दोनों ही मामलों में ट्रेन चालकों की सतर्कता से हादसा टल गया, लेकिन यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो किसी दिन बड़ा हादसा टल नहीं पाएगा।