पटना न्यूज डेस्क: पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर सोमवार को गृह रक्षा वाहिनी (होमगार्ड) के जवानों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में एकत्रित होमगार्ड कर्मियों ने समान काम के बदले समान वेतन और अन्य सुविधाओं की मांग उठाई। प्रदर्शनकारी सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि वे पुलिसकर्मियों की तरह ड्यूटी निभाते हैं, लेकिन उन्हें वेतन और सुविधाओं के मामले में बराबरी नहीं मिलती। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगें नहीं मानीं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
प्रदर्शन में शामिल होमगार्ड कर्मी अरुण कुमार ठाकुर ने बताया कि सरकार उनकी 21 सूत्री मांगों को लंबे समय से अनदेखा कर रही है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने भी उनके पक्ष में फैसला दिया था, जिसमें उन्हें 774 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करने का निर्देश था। यदि इस दर से वेतन दिया जाए तो हर महीने उन्हें करीब 33,000 रुपये मिलना चाहिए, लेकिन फिलहाल उन्हें इससे काफी कम वेतन दिया जा रहा है। कर्मियों का कहना है कि वे पुलिसकर्मियों की तरह 24 घंटे ड्यूटी देते हैं, लेकिन सरकार उन्हें वेतन और सुविधाओं में बराबरी का हक नहीं दे रही।
होमगार्ड जवानों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें किसी भी तरह की छुट्टी (CL) का लाभ नहीं मिलता। यदि वे बीमार पड़ जाएं और ड्यूटी पर न जा सकें, तो उनकी सैलरी काट ली जाती है। कर्मी नंद किशोर ठाकुर ने कहा कि कम वेतन की वजह से परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। बच्चों को मजबूरन सरकारी स्कूलों में पढ़ाना पड़ रहा है और कई बार घर खर्च चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ता है। ड्यूटी रोस्टर सिस्टम के कारण भी कई जवानों को लगातार ड्यूटी नहीं मिलती, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो जाती है।
बिहार के पुलिस थानों और सरकारी विभागों में सेवाएं देने वाले इन होमगार्ड कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। प्रदर्शन में करीब 50% जवान शामिल हैं, जबकि बाकी अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं, वहीं प्रशासन बातचीत कर मामला सुलझाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, होमगार्ड जवान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और जल्द समाधान न मिलने पर आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दे रहे हैं।