पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) का प्रकोप जारी है, जिससे संक्रमित मरीजों और मृतकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। हाल ही में एक और मरीज की मौत के साथ राज्य में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या सात तक पहुंच गई है। इनमें से छह मौतें पुणे जिले में हुई हैं, जबकि एक मामला सोलापुर से सामने आया है। अब तक पूरे महाराष्ट्र में GBS के कुल 192 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है।
GBS के कारण हाल ही में पुणे के 37 वर्षीय एक ड्राइवर की मौत हो गई। पीड़ित को पहले शरीर के निचले हिस्से में कमजोरी महसूस हुई थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए पुणे के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिवार वालों ने उसे पहले कर्नाटक के निपानी और फिर सांगली के एक अस्पताल में शिफ्ट किया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। आखिरकार, 5 फरवरी को परिजनों ने डॉक्टरों की सलाह के बिना मरीज को पुणे के कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया, जहां 9 फरवरी को दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में GBS के 192 संदिग्ध मामलों में से 167 मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हुई है। इनमें से 39 मामले पुणे नगर निगम क्षेत्र से, 91 मरीज हाल ही में जुड़े नए गांवों से, 29 पिंपरी-चिंचवड़ से, 25 पुणे ग्रामीण क्षेत्र से और 8 अन्य जिलों से हैं। इनमें 91 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 48 अभी भी आईसीयू में भर्ती हैं और 21 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
राज्य सरकार GBS के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। सभी जिला परिषदों को ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी के स्रोतों का रासायनिक और जैविक परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि स्वच्छ और सुरक्षित पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।