पटना न्यूज डेस्क: पटना हाईकोर्ट ने 2013 के गांधी मैदान विस्फोट मामले में चार दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है। हैदर अली, मोजिबुल्लाह, नोमान और इम्तियाज को पहले सिविल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया। वहीं, उमर और अजहरुद्दीन को उम्रकैद की सजा देने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा गया है। निचली अदालत ने इस घटना को रेयर आफ द रेयरेस्ट माना था।
यह है पूरा मामला:
27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में बम धमाकों की घटना हुई थी, जब नरेंद्र मोदी बीजेपी की हुंकार रैली को संबोधित कर रहे थे। पटना जंक्शन के प्लेटफार्म 10 पर पहला बम विस्फोट हुआ, इसके बाद गांधी मैदान और आसपास के छह स्थानों पर सीरियल बम विस्फोट हुए। इस घटना में छह लोगों की मौत हुई और 89 लोग घायल हुए थे। यह घटना लोकसभा चुनाव 2014 के प्रचार के दौरान हुई थी।
गांधी मैदान बम धमाकों के बाद, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से एनआईए जांच की मांग की थी। एनआईए ने 2014 में सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मामले में 187 लोगों की कोर्ट में गवाही कराई गई थी। इसके बाद, निचली अदालत ने दोषियों को सजा सुनाई, जिसे अब पटना हाईकोर्ट ने संशोधित किया है।