पटना न्यूज डेस्क: बिहार में गंगा, गंडक और घाघरा जैसी नदियों के उफान से राज्य के 11 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। करीब 5.35 लाख लोग इस आपदा से प्रभावित हैं और अब तक पांच लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें एक भोजपुर और चार सारण जिले के निवासी हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी राहत कार्यों में जुटे हुए हैं और पॉलिथिन शीट समेत अन्य आवश्यक सामग्रियां बांटी जा रही हैं। शुक्रवार को विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हालात की समीक्षा करते हुए निर्देश जारी किए कि सभी जिलाधिकारियों को जलस्तर पर नजर रखनी होगी और प्रभावितों तक समय पर मदद पहुंचानी होगी।
अब तक बाढ़ प्रभावित इलाकों में करीब 35 हजार पॉलिथिन शीट्स का वितरण किया जा चुका है। राज्य में चार राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और 66 रसोई केंद्रों का संचालन शुरू हो चुका है, जहां बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, 4250 राशन पैकेट भी बांटे गए हैं ताकि प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत मिल सके। राहत और बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की 13 यूनिट्स तैनात की गई हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए 971 नावों का परिचालन किया जा रहा है। इसके अलावा, चिकित्सकीय सहायता पहुंचाने के लिए सात बोट एंबुलेंस भी चलाई जा रही हैं, ताकि लोगों को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
गंगा नदी के किनारे बसे क्षेत्रों में बाढ़ का सबसे अधिक प्रभाव देखा जा रहा है, खासकर पटना, भोजपुर, वैशाली, सारण और बेगूसराय जिलों में। आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बक्सर जिले के तीन प्रखंडों की पांच पंचायतों में 1780 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। भोजपुर के चार प्रखंडों की 43 पंचायतों में 70,234 लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं। सारण जिले के छह प्रखंडों की 29 पंचायतों में 76,019 लोग, वैशाली के छह प्रखंडों की 31 पंचायतों में 94,600 लोग और पटना के आठ प्रखंडों की 43 पंचायतों में 93,000 लोग प्रभावित हुए हैं।
इसके अलावा, समस्तीपुर के तीन प्रखंडों की 18 पंचायतों में 7600 लोग, बेगूसराय के आठ प्रखंडों की 29 पंचायतों में 45,000 लोग, मुंगेर के छह प्रखंडों की 22 पंचायतों में 81,363 लोग, खगड़िया के चार प्रखंडों की 21 पंचायतों में 19,770 लोग, और भागलपुर के चार प्रखंडों की आठ पंचायतों में 1192 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बाढ़ राहत कार्यों को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयों की व्यवस्था की जाए और चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। जिन क्षेत्रों में सड़क मार्ग बाधित हो गया है, वहां बोट एंबुलेंस का उपयोग कर चिकित्सा सेवाएं पहुंचाई जाएं। बच्चों, वृद्धजनों और गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाए ताकि उनकी आवश्यकताएं पूरी की जा सकें।
जैसे ही बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से पानी का स्तर घटने लगे, तुरंत ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया जाए ताकि स्वच्छता और संक्रमण को रोका जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जरूरतमंदों को राशन पैकेट वितरित किए जाएं और सामुदायिक रसोई का संचालन जल्द से जल्द शुरू किया जाए। साथ ही, पशुओं के लिए भी दवाइयों और चारे का पर्याप्त प्रबंध किया जाए ताकि वे भी इस आपदा से सुरक्षित रह सकें।