पटना न्यूज डेस्क: पटना में बाढ़ की स्थिति अभी भी कई इलाकों में बनी हुई है, लेकिन गंगा नदी के जल स्तर में लगातार कमी आ रही है, जिससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। रविवार को दीघा घाट पर जल स्तर 24 सेंटीमीटर कम हुआ, जबकि गांधी घाट पर 14 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई। शनिवार को भी जल स्तर में कमी आई थी। हालांकि, गंगा नदी का जल स्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है, जिसके कारण दियारा क्षेत्र, बिंद टोली और आसपास के इलाकों में पानी भरा हुआ है। बिंद टोली के लोग गंगापथ पर शरण लिए हुए हैं, जबकि दियारे के लोग जनार्दन घाट के पास अपने मवेशियों के साथ रह रहे हैं। यह जानकारी रविवार को दीघा घाट पर जल स्तर 51.47 मीटर, गांधी घाट पर 50.07 मीटर और हथिदह में 43.41 मीटर के आंकड़ों से मिली है।
पटना में बाढ़ के मद्देनज़र सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया गया है। गंगा और उसकी सहायक नदियों में जल स्तर बढ़ने के कारण सभी स्लूइस गेट बंद कर दिए गए हैं, जिससे शहर में पानी के प्रवेश को रोका जा सके। अब शहर के नालों का पानी पंपसेटों की मदद से निकाला जा रहा है। दीघा लॉक बंद होने के अलावा, कुर्जी के पास गंगा टावर पर पंपसेट लगाए गए हैं ताकि नालों का पानी निकाला जा सके। नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे आने पर ही स्लूइस गेट खोले जाएंगे। इस बीच, बादशाही नाले का पानी खानपुर और बरमुत्ता स्लूइस गेट के जरिए निकाला जा रहा है, जो गंगा और पुनपुन नदी में छोड़ा जा रहा है।
बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है, जिसमें बक्सर, भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, मुंगेर, खगड़िया, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, भागलपुर और कटिहार शामिल हैं। लगभग 12 लाख लोग प्रभावित हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने अलर्ट जारी किया है और राहत कार्य चल रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए आप इंटरनेट पर सर्च कर सकते हैं।
बिहार में बारिश की अनुपस्थिति के बावजूद कई जिले बाढ़ की गिरफ्त में आ गए हैं, जिससे रेलवे ट्रैक पानी में डूब गए हैं। जमालपुर-भागलपुर रेलमार्ग पर सुल्तानगंज और रतनपुर स्टेशनों के बीच पुल नंबर 195 के ग्रिडर तक बाढ़ का पानी पहुंचने से रात 11.45 बजे से ट्रेन सेवाएं बाधित हैं। इसके परिणामस्वरूप नौ ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है।