पटना न्यूज डेस्क: पटना एयरपोर्ट पर नया टर्मिनल बनने के बावजूद यहां से बड़े विमानों की उड़ान को लेकर अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं। ड्रीमलाइनर जैसे बड़े एयरक्राफ्ट्स की लैंडिंग का सपना अभी हकीकत नहीं बन पाया है। असल दिक्कत एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई और वहां मौजूद सीमित सुविधाएं हैं। हालांकि अहमदाबाद में हाल में हुए विमान हादसे के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रही है और योजना बनाई जा रही है कि आगे ऐसे बड़े विमानों को भी पटना में उतारा जा सके।
पटना एयरपोर्ट पर एक बड़ी कमी यह है कि यहां फ्लाइट्स की मेंटेनेंस की पुख्ता सुविधा नहीं है। फिलहाल, विमान के लैंड होने के बाद उसे दोबारा टेकऑफ में करीब 45 मिनट का वक्त लगता है। इस दौरान केवल सामान्य जांच की जा सकती है। बड़ी खराबी आने पर इंजीनियर को दूसरे बेस एयरपोर्ट से बुलाना पड़ता है। जबकि दिल्ली या मुंबई जैसे एयरपोर्ट पर रात्रि विश्राम (नाइट बेस) और बड़े स्तर पर मेंटेनेंस की सुविधा उपलब्ध होती है।
राज्य में कुल तीन एयरपोर्ट हैं लेकिन रनवे के मामले में पटना एयरपोर्ट सबसे पीछे है। यहां का रनवे महज 6,792 फीट लंबा है, जो बोइंग 737 और एयरबस A320 से बड़े विमानों के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसे में यदि किसी बड़े विमान को इमरजेंसी में उतरना पड़े, तो उसे वाराणसी या गया भेजना पड़ता है। यही वजह है कि पटना एयरपोर्ट पर बड़े एयरक्राफ्ट की नियमित आवाजाही संभव नहीं हो पाई है।
अब एयरपोर्ट के विस्तार की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है। प्रशासन ने जमीन सर्वे का काम शुरू कर दिया है और उम्मीद की जा रही है कि जैसे ही पैरलल टैक्सी ट्रैक (PTT) का निर्माण पूरा होगा, रनवे विस्तार का काम भी आरंभ हो जाएगा। अगर यह योजना सफल रही, तो भविष्य में पटना एयरपोर्ट पर भी ड्रीमलाइनर जैसे विशाल विमान आसानी से लैंड कर सकेंगे।