पटना न्यूज डेस्क: राजस्व मामलों में लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी ने दाखिल-खारिज और परिमार्जन जैसे लंबित मामलों को लेकर कई अंचलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। समाहरणालय में सोमवार को आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने पाया कि कई अंचलों में 75 दिनों से अधिक समय से दाखिल-खारिज और 120 दिनों से ज्यादा समय से परिमार्जन के मामले लंबित हैं। खासकर संपतचक, बिहटा, दीदारगंज, नौबतपुर और दानापुर में यह समस्या अधिक गंभीर है।
बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि दो सप्ताह के अंदर यदि सुधार नहीं हुआ तो संबंधित सीओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। वहीं, घोसवरी और पंडारक जैसे अंचलों में ऐसे मामले बिल्कुल नहीं हैं, जबकि अन्य 19 अंचलों में भी गिनती के लंबित मामले हैं। इन सभी अधिकारियों को भी लंबित मामलों का जल्द निपटारा करने का निर्देश दिया गया है।
पिछले एक वर्ष में दाखिल-खारिज के लंबित मामलों के निष्पादन में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। 1 अप्रैल 2024 को जहां 80,665 आवेदन लंबित थे, वहीं 7 अप्रैल 2025 तक यह संख्या घटकर 17,932 रह गई है। एक्सपायर्ड आवेदनों की संख्या भी 40,207 से घटकर 4,906 हो गई है। इस अवधि में कुल 1.42 लाख से अधिक आवेदनों का निष्पादन किया गया है। डिजिटाइज्ड जमाबंदी, बसेरा अभियान और आधार सीडिंग में भी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
हालांकि, मापीवाद और परिमार्जन प्लस जैसे मामलों में अभी भी गति धीमी है। परिमार्जन प्लस के 41,264 आवेदनों में से 13,197 अभी भी लंबित हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि 90 दिनों से अधिक समय से बीएलडीआरए कोर्ट में लंबित मामलों को नियम के तहत शीघ्र निपटाया जाए। म्यूटेशन अपील और आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भूमि एनओसी में भी तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। डीएम ने चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।