पटना न्यूज डेस्क: महावीर मंदिर के प्रमुख आचार्य किशोर कुणाल के निधन के बाद मंदिर और इसके संबंधित कार्यों की कमान किसके हाथ में जाएगी, इस सवाल पर अब चर्चाएँ तेज हो गई हैं। महावीर मंदिर न्यास के सदस्य इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं और जानकारी के अनुसार, इस पर अंतिम निर्णय 6 जनवरी को होने वाली न्यास समिति की बैठक में लिया जाएगा। इस बैठक में आचार्य किशोर कुणाल के उत्तराधिकारी का नाम घोषित किया जाएगा।
किशोर कुणाल के निधन के बाद महावीर मंदिर और इसके अंतर्गत आनेवाले नौ अस्पतालों सहित अन्य कार्यों की जिम्मेदारी को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, आचार्य किशोर कुणाल के बेटे सायण कुणाल या उनकी पत्नी अनिता कुणाल को उनकी जगह पर यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। सायण कुणाल हमेशा से मंदिर के कार्यों में शामिल रहे हैं और उनके पिता अक्सर उन्हें अपनी योजनाओं के बारे में बताते थे।
महावीर मंदिर न्यास के एक वरिष्ठ सदस्य ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अभी इस बारे में कोई अंतिम निर्णय लेना जल्दबाजी होगी। 6 जनवरी को होने वाली बैठक के बाद इस पर स्थिति साफ होगी। वर्तमान में महावीर मंदिर न्यास के 11 में से 10 सदस्य सक्रिय थे, लेकिन आचार्य किशोर कुणाल के निधन के बाद अब यह संख्या घटकर 9 रह गई है। इस कारण दो नए सदस्य कमेटी में शामिल हो सकते हैं, और इस बात को लेकर चर्चा जारी है।
महावीर मंदिर न्यास में शामिल मौजूदा सदस्य इस प्रकार हैं—जस्टिस पीएन अग्रवाल (चेयरमैन), जस्टिस एसएन झा, पूर्व मुख्य सचिव वीएस दुबे, जस्टिस राजेंद्र प्रसाद, पूर्व आईएएस एनके सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल एके चौधरी, पूर्व लॉ सेक्रेटरी बासुदेव राम, महाश्वेता महारथी (बोधगया बुद्धिस्ट मंदिर की सेक्रेटरी), और शिवाकांत झा (कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर)।
आचार्य किशोर कुणाल ने महावीर मंदिर के पुनर्निर्माण से लेकर महावीर आरोग्य संस्थान, कैंसर संस्थान, नेत्रालय, वरिष्ठ नागरिक अस्पताल सहित नौ चैरिटेबल अस्पतालों की स्थापना की। इसके अलावा, उन्होंने बिहार के पूर्वी चंपारण में विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य भी शुरू किया था। उनके प्रयासों से अयोध्या में राम रसोई और सीतामढ़ी में सीता रसोई जैसी सामाजिक सेवाएँ चल रही हैं, जो प्रतिदिन हजारों भक्तों को निःशुल्क भोजन प्रदान करती हैं।