पटना न्यूज डेस्क: पटना में कोरोना के दो नए मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। नए वैरियंट जेएन.1 की आशंका को देखते हुए सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है। IGIMS में सोमवार से ही मरीजों और उनके परिजनों को बिना मास्क डॉक्टरों से मिलने की इजाजत नहीं है। सुरक्षाकर्मी माइक से लोगों को शारीरिक दूरी और मास्क पहनने की सलाह देते नजर आए।
IGIMS के मेडिकल सुप्रींटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल का कहना है कि यह नया वैरियंट ज्यादा घातक नहीं है, लेकिन लापरवाही से खतरा बढ़ सकता है। इसलिए एहतियात के तौर पर अस्पताल आने वालों के लिए मास्क पहनना जरूरी किया गया है। इसके अलावा सुरक्षाकर्मियों को रोज माइकिंग कर सावधानी बरतने की हिदायत देने को कहा गया है। पटना एम्स, पीएमसीएच, एनएमसीएच समेत सभी सरकारी अस्पतालों में सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं।
इस बीच, बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा है कि जल्द ही एक्यूप्रेशर एक्ट को विधानसभा में पारित कराया जाएगा। उन्होंने इसे कम खर्चीली और असरदार चिकित्सा पद्धति बताया और कहा कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। वे एक्यूप्रेशर-एक्यूपंचर दिवस के मौके पर बिहार एक्यूप्रेशर योग कॉलेज व स्वास्थ्य जागरूकता मिशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी शामिल हुए। इस मौके पर स्वास्थ्य जागरूकता मिशन के सचिव डॉ. अजय प्रकाश ने जानकारी दी कि 2002 से यह एक्ट विधानसभा में लंबित है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बिहार विधानसभा, विधान परिषद और एलएनजेपी अस्पताल में इस पद्धति के केंद्र पहले से चल रहे हैं। ये मधुमेह और थायराइड जैसी बीमारियों के इलाज में काफी असरदार हैं, इसलिए हर अस्पताल में इसका सेंटर होना चाहिए।