पटना न्यूज़ डेस्क: मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा स्थित पमरिया टोला की पांच साल की खुशी के अपहरण मामले में शुक्रवार को सीबीआई के खिलाफ अवमानना वाद दायर किया गया। खुशी के पिता राजन साह के अधिवक्ता ओमप्रकाश गुप्ता ने पटना हाईकोर्ट में यह वाद दायर किया है। उनका आरोप है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद सीबीआई ने मामले की प्राथमिकता से जांच नहीं की। कोर्ट ने अवमानना वाद को स्वीकार कर लिया है और इसकी सुनवाई जल्द होने की संभावना है।
खुशी के पिता राजन साह ने बताया कि पिछले एक महीने से किसी ने भी उनसे संपर्क नहीं किया है। राजन साह और उनके परिवार ने कई बार सीबीआई के जांच अधिकारी से लक्ष्मी चौक मछली मंडी के कुछ युवकों के नाम लेकर पूछताछ करने का अनुरोध किया था। परिवार का मानना है कि मछली मंडी में जांच से बच्ची के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है।
खुशी के अपहरण की जांच कर रही सीबीआई ने पिछले डेढ़ साल में परिवार और करीबी रिश्तेदारों से पूछताछ की है। उन्होंने खुशी की तस्वीरें स्कूलों में भेजकर इस उम्र और शक्ल की बच्ची के बारे में जानकारी मांगी। सीबीआई ने अस्पतालों और बालगृहों में भी जांच की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। गौरतलब है कि 16 फरवरी 2021 को पमरिया टोला में सरस्वती पूजा पंडाल में खेल रही खुशी अचानक गायब हो गई थी और ब्रह्मपुरा थाने में मामला दर्ज किया गया था।
यह मामला तीन साल पुराना है और मुजफ्फरपुर के ब्रम्हपुरा थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। खुशी, जो उस समय केवल पांच साल की थी, को सरस्वती पूजा के दौरान अगवा कर लिया गया जब वह अपने घर के पास के पूजा पंडाल में खेल रही थी। ब्रम्हपुरा थाने में इस घटना की शिकायत दर्ज की गई थी। बिहार पुलिस के प्रयासों के बावजूद जब खुशी का कोई पता नहीं चला, तो मामला सीबीआई के पास भेजा गया, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी अब तक सफल नहीं हो पाई है।