पटना न्यूज डेस्क: बिहार में गंगा नदी के उफान से पटना सहित कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को हवाई सर्वे कर बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया, जिसमें उच्च पदाधिकारी भी उनके साथ थे। पटना में कई स्थानों पर गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।
पटना जिला प्रशासन ने शुक्रवार को जानकारी दी कि गांधी घाट पर सुबह गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान (48.60 मीटर) से ऊपर था। इसके साथ ही, हाथीदह और दीघा घाट पर भी गंगा नदी लाल निशान से ऊपर बह रही है।
इसके अलावा, झारखंड में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण फल्गू और सकरी नदियां भी उफान पर हैं। इससे इन नदियों के छोटे डैम टूट गए हैं, जिसके कारण पटना के ग्रामीण क्षेत्रों और नालंदा जिले के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी जमा हो गया है। पटना के फतुहा और पंडारक प्रखंड में कई जगह बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जबकि नालंदा के हिलसा प्रखंड में भी हालात चिंताजनक हैं।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि उदेरास्थान बांध से सकरी और फल्गु नदियों में 53,945 क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण पंडारक प्रखंड में धनायन नदी के बाएं तट पर स्थित बरूआने जमींदारी बांध और सिरपतपुर बांध के कुछ हिस्से रात में क्षतिग्रस्त हो गए। इससे पटना जिले के पंडारक और फतुहा प्रखंडों के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
इसी तरह, नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड में दो छोटे बांध, जो पहले से ही जर्जर थे, भी टूट गए। इसके कारण जमुआर और धुरी बिगहा गांव के कई क्षेत्रों में बाढ़ की समस्या सामने आई है।