पटना न्यूज डेस्क: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के दौरान पटना के कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा केंद्र पर हंगामा हो गया। 13 दिसंबर को राज्यभर के 912 परीक्षा केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित की गई थी। हालांकि, बाकी केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण रही, लेकिन बापू केंद्र पर छात्रों ने प्रश्न पत्र समय पर न मिलने का आरोप लगाते हुए बवाल किया। इस हंगामे के दौरान केंद्राधीक्षक राम इकबाल सिंह को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई। वहीं, एक महिला अभ्यर्थी बेहोश हो गई, जिसे तुरंत अस्पताल भेजा गया।
हंगामे की शुरुआत तब हुई, जब एक ब्लॉक के तीन परीक्षा हॉल में छात्रों ने समय पर प्रश्न पत्र न मिलने का आरोप लगाया। गुस्साए छात्रों ने परीक्षा का बहिष्कार कर केंद्र के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसी बीच केंद्राधीक्षक राम इकबाल सिंह की तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई। वहीं, एक महिला परीक्षार्थी को भी बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत में सुधार हुआ।
घटना की जानकारी मिलते ही पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी मौके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने सड़क जाम कर दी और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। एक वीडियो में डीएम एक छात्र को थप्पड़ मारते दिख रहे हैं, जिस पर विवाद खड़ा हो गया। हालांकि, डीएम ने सफाई दी कि तनावपूर्ण स्थिति में यातायात बहाल करने के लिए यह कदम उठाया गया था और उनकी किसी को चोट पहुंचाने की मंशा नहीं थी।
जिला प्रशासन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया कि परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्रों की कोई कमी नहीं थी। सभी हॉल में सीलबंद पैकेट में प्रश्न पत्र भेजे गए थे। हालांकि, कुछ परीक्षार्थियों ने सीलबंद पैकेट पर आपत्ति जताई और इसे लेकर विवाद खड़ा कर दिया। प्रशासन ने बताया कि परीक्षा प्रक्रिया में कोई अनियमितता नहीं हुई और छात्रों के आरोप निराधार हैं।
इस घटना ने परीक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि बापू परीक्षा केंद्र पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में थी और सभी व्यवस्थाएं सुचारु रूप से की गई थीं। केंद्राधीक्षक की मौत और महिला अभ्यर्थी की बेहोशी से घटना ने गंभीर मोड़ ले लिया, जिसके बाद प्रशासन को परीक्षा प्रक्रिया की जांच के निर्देश दिए गए हैं।