पटना न्यूज डेस्क: पश्चिम बंगाल के हल्दिया से बिहार होते हुए वाराणसी तक गंगा नदी में कार्गो जहाजों का परिचालन इसी साल जून से शुरू होने जा रहा है। छह जहाजों का यह बेड़ा जर्मनी की एक कंपनी द्वारा संचालित किया जाएगा और लगभग 1350 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अनुसार, इस नई सुविधा से व्यापारियों को सामान लाने-ले जाने में न सिर्फ आसानी होगी, बल्कि परिवहन लागत भी कम आएगी। जलमार्ग के माध्यम से माल ढुलाई का विस्तार होने से देश-विदेश से वस्तुओं का आवागमन सरल और किफायती हो जाएगा।
इन कार्गो जहाजों का ठहराव बिहार के पटना के गायघाट पर होगा, जहां से सीमेंट, जिप्सम, कोयला, गिट्टी, मछली और अन्य सामान की आपूर्ति की जाएगी। ये जहाज 15 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेंगे, जिससे व्यापार में तेजी आएगी। अगर लागत की तुलना की जाए, तो जलमार्ग से प्रति टन प्रति किलोमीटर खर्च मात्र 2 रुपये होगा, जबकि रेल मार्ग पर 1.60 रुपये, सड़क मार्ग पर 3.60 रुपये और वायुमार्ग पर 18 रुपये का खर्च आता है। इसके अलावा, 300 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर जलमार्ग से माल परिवहन करने पर सरकार 35% तक की प्रतिपूर्ति देगी, जिससे यह रेल मार्ग से भी सस्ता विकल्प बन जाएगा।
जलमार्ग के कई फायदे हैं, जिनमें परिवहन लागत में कमी, बारिश और बाढ़ के समय सड़क और रेल यातायात में होने वाली रुकावटों से बचाव, और रास्ते में सामान की चोरी की संभावना कम होना शामिल है। एक कार्गो जहाज एक साथ 10 ट्रकों के बराबर माल ढो सकता है, जिससे सड़क यातायात पर भी दबाव कम होगा। 15 किमी प्रति घंटे की गति से चलते हुए ये जहाज व्यापारिक आपूर्ति को सुगम और प्रभावी बनाएंगे, जिससे बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।