पटना न्यूज डेस्क: पटना में एक बार फिर बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) परिसर में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। संक्रमित इलाके में सिविल सर्जन कार्यालय और जिला पशुपालन विभाग की ओर से त्वरित कार्रवाई की गई। बड़ी संख्या में संक्रमित मुर्गियों को जलाकर दफनाया गया ताकि संक्रमण आगे न फैल सके। इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्र के तीन किलोमीटर के दायरे में अस्पतालों को बुखार सर्वेक्षण (फीवर सर्वे) करने का निर्देश दिया गया है।
बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए हैं। प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों और वहां काम करने वाले कर्मियों के बीच एंटीवायरल दवाएं, टेमिफ्लू और ओसेलामिवीर, वितरित की जाएंगी। इससे पहले, जहानाबाद पुलिस लाइन के पास मृत कौओं में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी, जबकि मुंगेर के तेघड़ा गांव में मृत कौओं की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। सिविल सर्जन कार्यालय ने अस्पतालों को निर्देश दिया है कि सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों की अनिवार्य जांच की जाए ताकि संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सके।
आईसीएआर परिसर में 27 फरवरी से मुर्गियों की अचानक मौत के मामले सामने आने लगे थे, जिसके बाद सेंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए। शनिवार को रिपोर्ट में एच5एन1 वायरस की पुष्टि हुई, जिसके बाद प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों को सेंसिटाइज करने के आदेश दिए। बिहार के अलावा झारखंड के बोकारो में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। वहां के राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र में एवियन इन्फ्लूएंजा ए वायरस मिलने के बाद एक किलोमीटर के दायरे में सभी मुर्गियों को मारने का आदेश जारी किया गया है।