पटना न्यूज डेस्क: बिहार में गंगा नदी पर एक नया छह लेन का पुल जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा, जिससे राज्य के लोगों को आवागमन में बड़ी सुविधा मिलेगी। यह पुल पटना जिले के मोकामा के औटा और बेगूसराय के सिमरिया को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। पुल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और अप्रैल 2025 से वाहनों की आवाजाही शुरू होने की उम्मीद है। इस पुल का 700 मीटर का एक हिस्सा अप्रैल में चालू हो जाएगा, जबकि दूसरा हिस्सा मई तक शुरू करने की योजना है। बताया जा रहा है कि यह एशिया का सबसे चौड़ा पुल होगा, जिससे बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ी मजबूती मिलेगी।
इस पुल की कुल लंबाई लगभग 8.1 किलोमीटर होगी, जिसमें मुख्य पुल की लंबाई 1.86 किलोमीटर है। पुल पर दोनों तरफ तीन-तीन लेन वाली 13-13 मीटर चौड़ी सड़कें होंगी और दोनों किनारों पर 1.5 मीटर चौड़ा फुटपाथ भी बनाया जाएगा। पुल से जुड़ी अप्रोच रोड एक तरफ 3.15 किलोमीटर (छह लेन) और दूसरी तरफ 3.27 किलोमीटर (चार लेन) की होगी। इसके अलावा, पुल पर एक रेलवे ओवरब्रिज और दो रेलवे अंडरब्रिज भी बनाए गए हैं, जिससे यातायात का प्रवाह सुगम होगा और यात्रा का अनुभव और भी बेहतर होगा।
इस पुल के बनने से पटना, आरा, बक्सर के अलावा उत्तर बिहार के दरभंगा, समस्तीपुर, सहरसा, मधुबनी और दक्षिण बिहार के लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, नवादा और गया जैसे शहरों को सीधा फायदा होगा। पटना से बेगूसराय की दूरी भी इस पुल के कारण कम हो जाएगी और सफर में लगने वाला समय दो से ढाई घंटे तक घट जाएगा। पुल की वजह से न केवल यात्रा का समय बचेगा, बल्कि व्यापार और अन्य आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी।
यह पुल गंगा नदी पर पहले से मौजूद राजेंद्र सेतु के समानांतर बनाया जा रहा है। इससे महात्मा गांधी सेतु और अन्य पुलों पर यातायात का दबाव कम होगा। उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होने से लोगों को यात्रा में आसानी होगी और राज्य में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बल मिलेगा। पुल के चालू हो जाने से लाखों लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा और बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई पहचान मिलेगी।