पुणे न्यूज डेस्क: पुणे नगर निगम (PMC) ने नांदेड गांव इलाके में 19 निजी आरओ प्लांट्स को सील कर दिया है। इस क्षेत्र को गिलियन बैरी सिंड्रोम (GBS) के प्रकोप का केंद्र माना जा रहा है। जांच में इन प्लांट्स से सप्लाई होने वाले पानी को पीने के लिए अनुपयुक्त पाया गया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। अधिकारियों के अनुसार, इन आरओ प्लांट्स के पानी में हानिकारक बैक्टीरिया पाए गए थे, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।
बुधवार को पुणे जिले में GBS के चार नए संदिग्ध मामले सामने आए, जिससे महाराष्ट्र में कुल मामलों की संख्या 170 तक पहुंच गई। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने पानी की गुणवत्ता को लेकर सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। PMC के अधिकारी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं और आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं।
नांदेड और धायरी क्षेत्र में स्थित ये निजी आरओ प्लांट्स बड़ी संख्या में स्थानीय निवासियों को बोतलबंद पानी सप्लाई कर रहे थे। लेकिन जांच में इन प्लांट्स का पानी दूषित पाया गया, जिसके बाद PMC ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन्हें सील कर दिया। नगर निगम ने स्पष्ट किया कि दूषित पानी की आपूर्ति पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी ताकि किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या को रोका जा सके।
PMC के अतिरिक्त आयुक्त पृथ्वीराज पी. बी. ने बताया कि जांच के दौरान इन 19 आरओ प्लांट्स से लिए गए पानी के सैंपल में बैक्टीरिया की मौजूदगी पाई गई। इस आधार पर सभी प्लांट्स को बंद कर दिया गया है और आगे की जांच जारी है। नगर निगम अब पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश बनाने पर काम कर रहा है।
PMC के जल आपूर्ति विभाग प्रमुख नंदकिशोर जगताप ने बताया कि पानी के नमूनों में Escherichia coli (E. coli) बैक्टीरिया मिला है, जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इस स्थिति को देखते हुए सभी निजी जल आपूर्तिकर्ताओं को PMC द्वारा उपलब्ध कराए गए ब्लीचिंग पाउडर सॉल्यूशन का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है, ताकि पानी को सुरक्षित बनाया जा सके।