पटना न्यूज डेस्क: पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में एक अनोखी पहल शुरू की गई है, जिसमें आम लोग बाघ और अन्य वन्यजीवों को गोद ले सकते हैं। वन्यप्राणी दत्तक ग्रहण योजना के तहत ढाई साल पहले जन्मे बाघ विक्रम, केशरी और रानी समेत कई अन्य वन्यजीवों को गोद लेने का अवसर मिलेगा।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य जानवरों की देखभाल के लिए वित्तीय सहायता जुटाना और आम जनता को वन्यजीवों के संरक्षण में भागीदार बनाना है। इससे न केवल जानवरों की देखभाल में मदद मिलेगी, बल्कि लोगों में वन्यजीवों के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
यह योजना संजय गांधी जैविक उद्यान की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो वन्यजीवों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए काम कर रही है। इससे लोगों को वन्यजीवों के संरक्षण में अपनी भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा और जानवरों की देखभाल में वित्तीय सहायता भी मिलेगी।
संजय गांधी जैविक उद्यान की वन्यप्राणी दत्तक ग्रहण योजना में व्यक्ति, परिवार, संस्था या कंपनी जानवरों के भोजन का खर्च उठाकर उन्हें गोद ले सकते हैं। इस योजना के तहत विभिन्न विकल्प हैं:
व्यक्तिगत गोद लेने के लिए:
- एक दिन के लिए पूरे चिड़ियाघर के जानवरों को गोद लेना
- छह महीने, एक वर्ष, दो वर्ष या तीन वर्ष के लिए किसी एक जानवर को गोद लेना
संस्थागत गोद लेने के लिए:
- 5 वर्ष तक के लिए किसी भी जीव को गोद लेना
यह योजना जानवरों की देखभाल के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने और वन्यजीवों के संरक्षण में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए है।
पटना चिड़ियाघर में वन्यप्राणी दत्तक ग्रहण योजना के तहत जानवरों को गोद लेने के लिए विभिन्न श्रेणियों में राशि तय की गई है:
बाघ:
- 6 महीने: 1 लाख रुपये
- 1 साल: 1.50 लाख रुपये
हाथी:
- 6 महीने: 1.50 लाख रुपये
- 1 साल: 2.25 लाख रुपये
हिप्पोपोटामस:
- 6 महीने: 1 लाख रुपये
- 1 साल: 1.50 लाख रुपये
एक दिन के लिए:
- प्रमुख जानवर (बाघ सहित): 25 हजार रुपये
इच्छुक लोग पटना जू की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध वन्य प्राणियों की सूची देखकर अपनी पसंद के अनुसार जानवर को गोद ले सकते हैं। यह योजना जानवरों की देखभाल के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने और वन्यजीवों के संरक्षण में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए है।