पटना न्यूज डेस्क: पटना के सदाकत आश्रम स्थित कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को माहौल अचानक गरम हो गया, जब कारण बताओ नोटिस से नाराज नेता धरने पर बैठे और देखते ही देखते विरोध हंगामे में बदल गया। हालात तब और बिगड़ गए जब सांसद पप्पू यादव कार्यालय पहुंचे। उन्हें देखकर नाराज नेताओं ने ज़ोरदार नारेबाज़ी शुरू कर दी और ‘पप्पू यादव वापस जाओ’ की आवाज़ें पूरे परिसर में गूंजने लगीं।
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस ने हाल ही में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 43 पूर्व मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को नोटिस भेजा था। इस कार्रवाई से अंदरूनी नाराजगी खुलकर सामने आ गई। सभी नाराज नेता मुख्यालय पहुंचकर धरने पर बैठ गए और प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लवारु व प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम को हटाने की मांग उठाई, आरोप लगाते हुए कि संगठन लगातार कमजोर होता जा रहा है।
धरने पर बैठे नेताओं ने कहा कि प्रदेश नेतृत्व सीमित लोगों की सलाह पर फैसले ले रहा है, जिसके कारण जमीनी कार्यकर्ता हाशिए पर चले गए हैं। उनका कहना था कि इस शैली से संगठन का विस्तार रुका हुआ है और कई वरिष्ठ नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इसी बीच पप्पू यादव के पहुंचते ही विरोध और तीव्र हो गया, जिसके चलते उन्हें थोड़ी देर रुककर वापस लौटना पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण पर असहमति जताने वाले कई नेताओं के खिलाफ ही यह नोटिस जारी किया गया था। हाईकमान ने इसे अनुशासनहीनता माना, लेकिन यह कदम उल्टा पड़ गया और पार्टी के भीतर असंतोष और गहरा हो गया। नाराज नेताओं ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और बड़ा किया जाएगा, क्योंकि उनका मकसद संगठन को कमजोर नहीं बल्कि बचाना है।