पटना न्यूज डेस्क: पटना में बिहार पुलिस की छवि पर एक और धब्बा तब लगा, जब निगरानी की अदालत ने जक्कनपुर थाने में तैनात रहे एएसआई अमरजीत कुमार को भ्रष्टाचार के पुराने मामले में दोषी करार दिया। अदालत ने साफ किया कि एएसआई ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एक शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग की थी, जिसके बाद कड़ी कार्रवाई की गई।
जांच में यह सामने आया था कि साल 2016 में एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि केस डायरी को उसके पक्ष में लिखने के लिए एएसआई अमरजीत ने उससे 10,000 रुपये की मांग की थी। शिकायत में यह भी कहा गया था कि एएसआई लगातार दबाव बनाता था और पीड़ित को परेशान कर रहा था। निगरानी की टीम ने शिकायत की पुष्टि होने के बाद पूरे मामले को अदालत में भेज दिया।
लंबी सुनवाई के बाद गुरुवार को निगरानी की विशेष अदालत ने माना कि आरोप पूरी तरह सही हैं। इसके बाद अदालत ने अमरजीत कुमार को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई, साथ ही 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। फैसले के समय अदालत ने कहा कि पुलिस व्यवस्था में भ्रष्टाचार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विजिलेंस विभाग के डीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि यह फैसला उन 25 मामलों में से एक है, जिनमें वर्ष 2025 में दोषसिद्धि दर्ज हुई है। विभाग का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, ताकि आम लोगों का भरोसा पुलिस पर मजबूत हो सके।