पटना न्यूज डेस्क: पटना अब सिर्फ शिक्षा या राजनीति के लिए नहीं, बल्कि मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में भी पहचान बना रहा है। हाल ही में जापान की राजधानी टोक्यो में काम करने वाली एक भारतीय महिला अपनी डिलीवरी के लिए पटना पहुंची। खास बात ये रही कि ये महिला पहले भी अपने पहले बच्चे का जन्म यहीं करवा चुकी हैं। इस बार भी उन्होंने महावीर मंदिर द्वारा संचालित महावीर वात्सल्य अस्पताल को ही चुना और महावीर जयंती के दिन अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया।
30 वर्षीय सुप्रिया पेशे से एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं और टोक्यो में रहती हैं, लेकिन अपनी डिलीवरी के लिए उन्होंने पटना का ही सफर तय किया। अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद के अनुसार, सुप्रिया पहले भी इस अस्पताल की सेवाओं से संतुष्ट रही हैं, इसलिए दूसरी बार भी उन्होंने बिना किसी हिचक के यहीं डिलीवरी करवाने का फैसला लिया। यह इस बात का प्रतीक है कि बिहार की चिकित्सा सेवाएं अब इतनी मजबूत हो गई हैं कि विदेशों में रहने वाले भी यहां इलाज के लिए आ रहे हैं।
डिलीवरी के दिन का भी खास महत्व है—महावीर जयंती के शुभ अवसर पर जन्मे बेटे का नाम परिवार ने ‘वीर’ रखा है। डॉक्टरों का कहना है कि टोक्यो जैसे शहर से महिला का डिलीवरी के लिए पटना आना इस बात का संकेत है कि बिहार धीरे-धीरे मेडिकल टूरिज्म की दिशा में बड़ी छलांग लगा रहा है। यहां न सिर्फ किफायती इलाज उपलब्ध है बल्कि आवश्यक सुविधाओं से लैस आधुनिक अस्पताल भी तैयार हो चुके हैं।
2006 में उद्घाटित महावीर वात्सल्य अस्पताल उत्तर और पूर्व भारत में बच्चों के इलाज के लिए जाना जाता है। यहां स्त्री रोग, शिशु रोग, हृदय रोग जैसे कई विभाग कार्यरत हैं और डीएनबी और फेलोशिप कोर्स भी चलाए जाते हैं। अब इसे NABH की मान्यता भी मिल चुकी है, जो कि अस्पताल की गुणवत्ता, सफाई और स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर को दर्शाता है। सुप्रिया जैसी महिलाओं का भरोसा बताता है कि पटना अब स्वास्थ्य सेवाओं में भी भरोसेमंद नाम बन चुका है।