पटना न्यूज डेस्क: पटना के बुद्धा कॉलोनी क्षेत्र में बुधवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब चकारम इलाके के पंखुड़ी गर्ल्स हॉस्टल में अचानक आग लग गई। दोपहर के समय लगी इस आग ने वहां रह रही 15 छात्राओं की जान को खतरे में डाल दिया। हादसे के वक्त कई छात्राएं हॉस्टल के तीसरे और चौथे माले पर फंसी थीं, जिन्हें दमकलकर्मियों ने शीशे तोड़कर और ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला। हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन छात्राओं की किताबें, कपड़े और अन्य निजी सामान पूरी तरह जलकर राख हो गए।
जांच में सामने आया है कि पंखुड़ी हॉस्टल में आग से बचाव की कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी। जिला अग्निशमन पदाधिकारी मनोज नट ने बताया कि हॉस्टल पूरी तरह से सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर रहा था। लकड़ी से बने केबिन, तंग गलियां, छोटे सीढ़ी मार्ग और न तो कोई फायर अलार्म – ये सब एक बड़ी त्रासदी को बुलावा दे रहे थे। इस घटना ने न सिर्फ इस हॉस्टल की व्यवस्था को उजागर किया है, बल्कि पूरे शहर के हॉस्टलों की सुरक्षा तैयारियों पर भी सवालिया निशान लगा दिया है।
पटना जैसे बड़े शहर में हजारों हॉस्टल बिना मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) के चल रहे हैं, जिनमें ना पर्याप्त जगह है, ना आपातकालीन निकासी की व्यवस्था और ना ही अग्निशमन उपकरण। छात्राओं को तंग और असुरक्षित केबिनों में रहने को मजबूर किया जा रहा है। घटना के बाद बुद्धा कॉलोनी पुलिस और फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य किया, लेकिन असली सवाल यह है कि क्या इस हादसे के बाद प्रशासन जागेगा? क्या अन्य हॉस्टलों की भी जांच होगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी जल्द ही भुला दिया जाएगा?