पटना न्यूज डेस्क: पूर्व विधायक और लोजपा (राम विलास) के बाहुबली नेता हुलास पांडेय के पटना और बेंगलुरु स्थित ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी चल रही है। पटना में गोला रोड पर उनके आवास और बोरिंग रोड स्थित उनके कार्यालय पर छानबीन हो रही है। इसके अलावा बेंगलुरु के एक ठिकाने पर भी छापा मारा जा रहा है। यह कार्रवाई बालू के अवैध खनन से जुड़े मामलों में की जा रही है।
ईडी अधिकारियों के अनुसार, बालू के अवैध खनन से संबंधित मामलों की जांच के तहत ये छापेमारी हो रही है। फिलहाल पटना के दो और बेंगलुरु के एक स्थान पर तलाशी जारी है। हुलास पांडेय को लोजपा (राम विलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का करीबी माना जाता है।
ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड से जुड़ा था नाम
हुलास पांडेय का नाम बिहार के बहुचर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में भी आया था। 1 जून 2012 की सुबह टहलने के दौरान अपराधियों ने ब्रह्मेश्वर मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में सीबीआई ने हुलास पांडेय सहित 8 लोगों को आरोपी बनाया था।
हालांकि, आरा स्थित एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने सीबीआई की चार्जशीट को खारिज कर दिया था। सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, हुलास पांडेय पर हत्या की साजिश रचने का आरोप था। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि उन्होंने ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या करवाने के लिए षड्यंत्र किया था।
राजनीतिक और आपराधिक पृष्ठभूमि
हुलास पांडेय बिहार के एक प्रभावशाली नेता रहे हैं, जिनका नाम कई विवादों से जुड़ा है। बालू खनन और ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड जैसे मामलों में उनकी भूमिका पर बार-बार सवाल उठे हैं। ईडी की यह ताजा कार्रवाई उनके राजनीतिक और आपराधिक इतिहास को लेकर चर्चा का विषय बन गई है।