पटना न्यूज डेस्क: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के तहत पटना जिले को कई बड़ी सौगातें दी हैं। इस यात्रा के आखिरी चरण में उन्होंने 623 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिसकी कुल लागत 1404 करोड़ रुपये से अधिक है। इनमें 367 योजनाओं के लिए 845 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई है, जबकि 256 नई योजनाओं के लिए 559 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति दी गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पटना के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर विकास कार्यों की समीक्षा भी की।
पटना जिले में आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए कई अहम योजनाओं की घोषणा की गई है। पुनपुन प्रखंड के रसूलपुर गांव में मोरहर नदी पर पुल बनाया जाएगा, वहीं पुनपुन स्टेशन से अकौना ग्राम होते हुए पटना रिंग रोड (बिहटा-सरमेरा पथ) को जोड़ने वाला मिसिंग लिंक रोड तैयार किया जाएगा। सादिकपुर-पभेड़ा-मसौढ़ी मार्ग के सोहगी मोड़ को पटना-गया रोड के कंडाप से 2-लेन सड़क के जरिए जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, बख्तियारपुर के हिदायतपुर और मंझौली के बीच धोबा नदी पर भी पुल निर्माण की योजना है।
धार्मिक और पर्यटन स्थलों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। बाढ़ के उमानाथ मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा और नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा। इसके अलावा, मंदिर के पास स्थित श्मशान घाट का विकास किया जाएगा और एक आधुनिक विद्युत शवदाह गृह का निर्माण होगा। पालीगंज के प्रसिद्ध उलार सूर्य मंदिर में पर्यटक सुविधाओं का विस्तार होगा, जबकि पुनपुन नदी पर समदा गांव और गुलरिया बिगहा के बीच नया पुल बनाया जाएगा।
शिक्षा और प्रशासनिक सुविधाओं को भी सशक्त किया जा रहा है। पटना शहर के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्रावासों की स्थिति का आकलन कर चरणबद्ध तरीके से उनके जीर्णोद्धार की योजना बनाई गई है। पालीगंज अनुमंडल में नया निबंधन कार्यालय खोला जाएगा, जिससे लोगों को दस्तावेज़ीकरण और अन्य कानूनी कार्यों में सुविधा मिलेगी। साथ ही, पटना जिले के नौबतपुर, पालीगंज, बाढ़, बिहटा, मसौढ़ी, मोकामा, विक्रम, धनरूआ, पंडारक, फतुहा, घोसवरी, पुनपुन और मनेर प्रखंडों में नए प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी।