मुंबई, 09 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को अपने रिटायरमेंट को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह सक्रिय राजनीति से रिटायरमेंट लेने के बाद अपना जीवन वेद, उपनिषदों के अध्ययन और प्राकृतिक खेती को समर्पित करेंगे। शाह गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की महिलाओं और सहकारी कार्यकर्ताओं के साथ ‘सहकार संवाद’ कार्यक्रम में बातचीत कर रहे थे। अमित शाह ने कहा कि प्राकृतिक खेती न सिर्फ वैज्ञानिक आधार पर आधारित है, बल्कि इससे उत्पादन में भी वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि उनके अपने खेत में नेचुरल फार्मिंग हो रही है और उत्पादन में करीब डेढ़ गुना बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने दावा किया कि एक गाय से तैयार खाद से 21 एकड़ खेत में प्राकृतिक खेती की जा सकती है। उनके अनुसार, केंचुए किसी भी उर्वरक जितना काम करते हैं और इससे मिट्टी की उर्वरकता बनी रहती है। बारिश के दौरान खेत में पानी रुकता है और बहता नहीं, जिससे जल संरक्षण भी होता है। शाह ने बताया कि भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय ने प्राकृतिक खेती से जुड़े उत्पादों की खरीद और निर्यात के लिए कोऑपरेटिव संस्थाएं बनाई हैं। आने वाले आठ से दस वर्षों में इन उत्पादों की टेस्टिंग शुरू होगी और इससे अमूल मॉडल की तरह लाभ कमाया जा सकेगा।
कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने अपने बचपन के दिनों की एक कहानी भी साझा की। उन्होंने कहा कि जब वे पैदा हुए थे, तब उनके गांव—गुजरात के बनासकांठा और कच्छ जिलों में—सप्ताह में सिर्फ एक दिन स्नान के लिए पानी मिलता था। तब जीवन कठिन था, लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। आज उनके गांवों में हर परिवार सालाना एक करोड़ रुपए से ज्यादा कमा रहा है। इस कार्यक्रम में गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश से आई महिला सहकारी कार्यकर्ताओं ने अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं। गुजरात की मीरल बहन ने बताया कि उनके साथ 360 परिवार ऊंटनी के दूध का व्यवसाय कर रहे हैं और इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। उन्होंने इस क्षेत्र में और रिसर्च की जरूरत बताई, जिस पर शाह ने जवाब दिया कि इस विषय पर पहले ही तीन संस्थानों में रिसर्च शुरू हो चुकी है। राजस्थान की सीमा ने बताया कि उनके समूह ने महिलाओं की बचत से 2.5 करोड़ रुपए जमा किए हैं, जिससे वे पशुपालन और खेती जैसे छोटे कारोबार चला रही हैं। वहीं मध्य प्रदेश की रूचिका परमार ने बताया कि उनके साथ 2508 महिलाएं जुड़ी हैं और वे खाद और ऋण वितरण का कार्य कर रही हैं, जिससे हर साल 15 करोड़ रुपए की कमाई होती है। रूचिका ने मैरिज गार्डन बनाने की योजना साझा की, जिस पर शाह ने उन्हें पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया और कहा कि वह इसके लिए ऋण दिलवाएंगे।