इन दिनों सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं फैलाना बेहद आसान हो गया है। कोई भी व्यक्ति वीडियो या तस्वीरों के साथ झूठा दावा जोड़कर उसे वायरल कर सकता है। इसी कड़ी में एक पुराना वीडियो एक बार फिर चर्चा में है, जिसमें एक युवक को कांवड़ियों के ट्रक के नीचे जानबूझकर आते हुए दिखाया गया है। वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि यह घटना हाल ही की है और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद इलाके में हुई है, जहां 'वाहिद' नामक युवक ने जानबूझकर कांवड़ यात्रा के ट्रक के नीचे आकर आत्महत्या कर ली।
सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को तरह-तरह की राजनीतिक और सांप्रदायिक व्याख्याओं के साथ जोड़कर पोस्ट कर रहे हैं। लेकिन जब इस दावे की सच्चाई की पड़ताल की गई, तो यह वीडियो आठ साल पुराना निकला। फैक्ट चेक में सामने आया कि यह घटना वास्तव में जुलाई 2017 की है और वर्तमान में चल रही कांवड़ यात्रा से इसका कोई लेना-देना नहीं है।
क्या है वायरल दावा?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और ट्विटर (एक्स) पर इस वीडियो को तेजी से शेयर किया जा रहा है। एक यूजर ने पोस्ट करते हुए लिखा:
“कल सहारनपुर के देवबंद में 'वाहिद' नामक युवक की कांवड़ यात्रा के दौरान मौत हो गई। वह ट्रक के नीचे खुद लेट गया। यह कांवड़ियों को बदनाम करने की साजिश है। अगर यह वीडियो न होता तो दंगा भड़क सकता था। सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए कि वाहिद को ऐसा करने को किसने कहा?”
इस तरह के भावनात्मक और भड़काऊ दावों के साथ वीडियो को प्रसारित किया जा रहा है, जिससे धार्मिक तनाव फैलाने की आशंका बढ़ जाती है। कुछ पोस्ट्स में यह भी कहा गया कि यह "हिंदुओं को आतंकी घोषित करने की साजिश" का हिस्सा है।
फैक्ट चेक: क्या है सच्चाई?
हमने इस वीडियो की पड़ताल Google Reverse Image Search की मदद से की। वीडियो के एक फ्रेम को रिवर्स सर्च करने पर हमें 18 जुलाई 2017 को प्रकाशित एक खबर मिली, जो कि हिंदुस्तान न्यूज़ वेबसाइट पर मौजूद थी। इसमें बताया गया था कि यह घटना सहारनपुर के देवबंद क्षेत्र की है और मृत युवक का नाम सच में 'वाहिद' ही था।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह हादसा तब हुआ जब कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं से भरा एक मिनी ट्रक देवबंद के पास स्थित मंगलौर पुलिस चौकी के पास से गुजर रहा था। उसी समय वाहिद, जोकि वहां सड़क किनारे खड़ा था, अचानक ट्रक के पिछले पहियों के नीचे लेट गया। ट्रक का पहिया उसके ऊपर से गुजर गया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी।
खबर में यह भी स्पष्ट किया गया कि यह आत्महत्या का मामला था और परिवार ने बिना किसी कानूनी कार्रवाई के शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। पुलिस को भी किसी साजिश के संकेत नहीं मिले थे।
वायरल वीडियो और मौजूदा कांवड़ यात्रा का कोई संबंध नहीं
फैक्ट चेक में यह बात बिल्कुल स्पष्ट हो गई है कि यह वीडियो हाल की कांवड़ यात्रा से जुड़ा नहीं है। यह एक पुराना मामला है, जिसे वर्तमान घटनाओं से जोड़कर गलत और भ्रामक जानकारी के रूप में फैलाया जा रहा है। वीडियो और उसके साथ किया गया दावा पूरी तरह से झूठा और भड़काऊ है।
सोशल मीडिया यूजर्स के लिए जरूरी चेतावनी
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सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही जानकारी की हमेशा पुष्टि करें।
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साम्प्रदायिक रंग देने वाली पोस्ट्स को बिना जांच शेयर न करें।
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किसी भी वीडियो को देखकर भावनात्मक प्रतिक्रिया देने से बचें।
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ऐसी किसी भी पोस्ट को रिपोर्ट करें जो झूठ फैलाकर समाज में तनाव पैदा कर सकती है।
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अगर शक हो तो भरोसेमंद फैक्ट चेक प्लेटफॉर्म्स की मदद लें।