पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे में गुलियन-बेरी सिंड्रोम (GBS) के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इस नर्व डिसऑर्डर के संदिग्ध और पुष्ट मामलों की संख्या बढ़कर 197 हो गई है। मंगलवार को अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में पांच और मरीज सामने आए हैं, जिनमें दो नए और तीन पहले के मामले शामिल हैं। अब तक देशभर में इस बीमारी से कुल सात लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मुंबई में पहली बार GBS के कारण एक 53 वर्षीय बुजुर्ग की नायर अस्पताल में मौत हुई है।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 197 मामलों में से 172 मरीजों को GBS से जुड़ा इलाज मिल चुका है। इनमें से 40 केस पुणे नगर निगम क्षेत्र से, 92 नए जोड़े गए गांवों से, 29 पिंपरी चिंचवाड़ क्षेत्र से, 28 पुणे ग्रामीण इलाकों से और आठ अन्य जिलों से हैं। अब तक 104 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है, जबकि 50 मरीज ICU में भर्ती हैं और 20 वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस बीमारी के कारण पुणे क्षेत्र में संदिग्ध मौतों की संख्या सात तक पहुंच गई है।
गुलियन-बेरी सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम पेरिफेरल नर्व्स पर हमला कर देती है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी, हाथ-पैरों में सुन्नपन और सेंसेशन लॉस होता है, साथ ही मरीज को सांस लेने और निगलने में दिक्कत हो सकती है। यह एक गंभीर स्थिति है, लेकिन अगर सही समय पर इलाज मिले तो मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बीमारी दुर्लभ होती है और इसके मामले आमतौर पर देखने को नहीं मिलते।