पटना न्यूज डेस्क: बिहार की राजधानी पटना में 70वीं बीपीएससी रीएग्जाम की मांग को लेकर पिछले छह दिनों से आमरण अनशन पर बैठे छात्रों की तबीयत अब बिगड़ने लगी है। मंगलवार को पहले ही दो छात्रों को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था, और देर शाम दो और छात्रों की हालत गंभीर हो गई। इनमें एक छात्र नेता और एक अभ्यर्थी शामिल हैं। दोनों को पहले धरनास्थल से गर्दनीबाग अस्पताल ले जाया गया, फिर एंबुलेंस के जरिए पीएमसीएच रेफर किया गया।
छात्र लगातार बीपीएससी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार और आयोग की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। अभ्यर्थी 70वीं बीपीएससी परीक्षा को पूरी तरह से रद्द कराकर फिर से आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि परीक्षा में धांधली हुई है, और 12,000 छात्रों के लिए रीएग्जाम कराना गलत है। वे चाहते हैं कि पूरी परीक्षा समान रूप से फिर से आयोजित की जाए ताकि योग्य उम्मीदवारों को मौका मिल सके।
पिछले दिनों राजधानी पटना के बापू सेंटर में हुई परीक्षा में धांधली के कारण उस परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। आयोग का कहना है कि केवल बापू सेंटर पर गड़बड़ी हुई थी, इसलिए वहीं के छात्रों के लिए रीएग्जाम होगा। दूसरी ओर, छात्र इस फैसले को अन्यायपूर्ण मानते हैं और पूरी परीक्षा रद्द करने पर जोर दे रहे हैं।
इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने छात्रों का समर्थन किया है। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर परीक्षा रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है और उनकी पार्टी हर हाल में उनके साथ खड़ी है। तेजस्वी ने निष्पक्ष जांच की भी मांग की और कहा कि अगर आरजेडी का कोई दोषी पाया जाता है तो उसे गिरफ्तार किया जाए।
वहीं, बीजेपी ने बापू सेंटर में हुई धांधली के लिए आरजेडी को जिम्मेदार ठहराया है। इस पर तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए सरकार से निष्पक्ष जांच कराने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी का कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है, तो उसे भी सजा मिलनी चाहिए। फिलहाल, छात्रों के आंदोलन ने बिहार में प्रशासन और राजनीति दोनों को चुनौती दे दी है।