पटना न्यूज डेस्क: पटना मेट्रो को लेकर लोगों का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। जुलाई महीने में तीन कोच वाली पहली मेट्रो ट्रेन पटना पहुंचने वाली है, जिसे पुणे में तैयार किया जा रहा है। ट्रेन के आने के बाद उसे डिपो में असेंबल किया जाएगा, जिसमें करीब 15 से 20 दिन का वक्त लगेगा। इसके बाद इसका ट्रायल 6.107 किलोमीटर लंबे प्राथमिक कॉरिडोर पर होगा। पटना मेट्रो के इस पहले कॉरिडोर पर 15 अगस्त 2025 से मेट्रो सेवा शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
मेट्रो ट्रेन की खरीद को लेकर भी बड़ी बात सामने आई है। दरअसल, यह खरीदारी पहले जापानी फंड एजेंसी ‘जायका’ के जरिए होनी थी, लेकिन फंड मिलने में देरी के कारण राज्य सरकार ने खुद 115 करोड़ रुपये देकर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को यह जिम्मेदारी दी। इसी फंड से ट्रेन के कोच, मेट्रो ट्रैक, लिफ्ट और एस्केलेटर खरीदे जा रहे हैं। टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा तैयार यह ट्रेन पटना के प्राथमिक कॉरिडोर में चलने के लिए पूरी तरह तैयार की जा रही है।
यह छोटी लेकिन स्मार्ट मेट्रो ट्रेन कई मायनों में फायदेमंद साबित होगी। तीन कोच वाली इस ट्रेन से हर ट्रिप में कम बिजली खपत होगी और कम दूरी की यात्राओं में यह काफी उपयोगी रहेगी। साथ ही ये छोटी ट्रेनें ट्रैफिक और संकरी गलियों वाले इलाकों में भी आसानी से पहुंच सकेंगी। बेहतर फ्रीक्वेंसी और संचालन की वजह से यात्रियों को बार-बार ट्रेन मिलेगी और भीड़ कम होगी।
इस ट्रेन में एक साथ करीब 900 लोग यात्रा कर पाएंगे। हर कोच की क्षमता 300 यात्रियों की होगी, जिससे मेट्रो एक बार में अधिक लोगों को सफर कराने में सक्षम होगी। इस प्राथमिक कॉरिडोर में न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, जीरो माइल, भूतनाथ, खेमनीचक और मलाही पकड़ी जैसे पांच स्टेशन शामिल हैं। हालांकि शुरुआत में खेमनीचक पर ट्रेन नहीं रुकेगी क्योंकि यह इंटरचेंज स्टेशन अभी पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है।