पटना न्यूज डेस्क: बिहार में अपराध की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए राज्य की जेलों में बंद कैदियों की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने की तैयारी की जा रही है। बिहार पुलिस ने गुरुवार को राज्य के विभिन्न जेलों में एक साथ छापेमारी की। इस अभियान में पटना के सबसे बड़े कारागार बेउर जेल सहित अन्य सभी जेलों पर जिला प्रशासन ने छापे मारे। पटना के बेउर जेल, मसौढ़ी, फुलवारी, दानापुर, पटना सिटी और अन्य जेलों में भी छापेमारी की गई।
बिहार की जेलों से अपराध की घटनाओं को अंजाम देने वाले खतरनाक अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की योजना बनाई गई है। गृह विभाग के आदेश पर यह छापेमारी चल रही है, जिसमें सभी जेलों के सेल की जांच की जा रही है। इस अभियान के दौरान मजिस्ट्रेट के साथ-साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है।
पटना के अलावा पूर्णिया, मोतिहारी, कटिहार, मुजफ्फरपुर जैसे जिलों के जेलों में भी छापेमारी की गई है। इस दौरान कई जेलों से विभिन्न प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री बरामद होने की खबरें हैं। छापेमारी से कैदियों में हड़कंप मच गया है। जिन बदमाशों ने जेल में रहकर अपने गुर्गों के माध्यम से अपराध को अंजाम दिया, उन पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। राज्य के अलग-अलग जेलों में अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए इस राज्य स्तरीय छापेमारी को एक विशेष योजना के तहत अंजाम दिया जा रहा है।
बिहार पुलिस के डीजीपी अलोक राज ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही सक्रियता दिखाई है। उन्होंने पहले कई जिलों के एसपी में बदलाव किए, 10 दिनों के भीतर 71 आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए और क्राइम कंट्रोल को लेकर महत्वपूर्ण बैठकें कीं। अब जेलों में बंद अपराधियों की संदिग्ध गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए छापेमारी को इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। पटना सहित सभी प्रमुख जेलों में एक साथ की गई यह छापेमारी विशेष महत्व रखती है।