पटना न्यूज डेस्क: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के बाद अब खान सर, गुरु रहमान, और अन्य शिक्षकों को लीगल नोटिस भेजा है। आयोग ने खान सर को उनके बयानों और वीडियो क्लिप्स के आधार पर नोटिस जारी किया है।
नोटिस में खान सर पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बीपीएससी पर धांधली, सीट बेचने, और छात्रों के साथ मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए। खान सर ने आयोग के अध्यक्ष और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कई अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया, जिससे आयोग की साख को नुकसान पहुंचा।
बीपीएससी का कहना है कि खान सर ने एक इंटरव्यू में आयोग और उसके अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने बीपीएससी पर वैकेंसी में सीट बेचने और भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया। आयोग ने इसे न केवल अपमानजनक बल्कि छात्रों को उकसाने वाला बयान बताया है।
आयोग ने कहा कि खान सर जैसे शिक्षकों से ऐसी भाषा की उम्मीद नहीं की जाती है। उनके बयानों का परिणाम कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के रूप में सामने आ सकता है। बीपीएससी ने इस तरह के बयानों को आयोग की प्रतिष्ठा धूमिल करने वाला बताया है।
प्रशांत किशोर को भी बीपीएससी ने शुक्रवार को लीगल नोटिस भेजा था। प्रशांत किशोर ने आयोग पर नौकरियों को बेचने और हजार करोड़ के घोटाले के आरोप लगाए थे। बीपीएससी ने उन्हें इन आरोपों के साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा है।
आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशांत किशोर और अन्य शिक्षकों ने साक्ष्य नहीं दिए, तो उनके खिलाफ आईटी अधिनियम और अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए अपनी साख बचाने का निर्णय लिया है।