पटना न्यूज डेस्क: भागलपुर में एक पुल के दोबारा गिरने के बाद बिहार में पुलों की डिजाइन की जांच का फैसला किया गया है। पथ निर्माण विभाग ने निर्माणाधीन पांच बड़े पुलों की डिजाइन की जांच करने का निर्णय लिया है। इनमें EPC मोड में बन रहे पुल भी शामिल हैं, जहां निर्माण की पूरी जिम्मेदारी कंपनी की होती है। पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा का कहना है कि कंपनियां अपने फायदे के लिए डिजाइन में बदलाव कर लेती हैं।
जांच के दायरे में आने वाले पुलों में पटना का अशोक राजपथ पर बन रहा डबल डेकर पुल भी शामिल है, जो कारगिल चौक से इंजीनियरिंग कॉलेज मोड़ तक बनाया जा रहा है। इसके अलावा, पटना के करौटा से नालंदा के बीच बन रही नई सड़क पर बनने वाला पुल भी जांच में शामिल किया गया है। साथ ही सहरसा में कोसी नदी और पूर्णिया में महानंदा नदी पर बन रहे पुलों की भी जांच की जाएगी। ये सभी पुल बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की देखरेख में बन रहे हैं।
सुल्तानगंज के अगवानी घाट पुल के निर्माण के दौरान दो बार ऊपरी हिस्सा गिरने की घटना सामने आई। पथ निर्माण विभाग द्वारा कराई गई जांच में पुल के डिजाइन में खराबी पाई गई। इसके बाद यह तय हुआ कि सभी पुलों की स्ट्रक्चरल ऑडिट कराई जाएगी। ईपीसी मोड में बनने वाले पुलों के लिए निर्माण कंपनी द्वारा विभाग की सहमति से एक अथॉरिटी इंजीनियर नियुक्त किया जाता है।
अथॉरिटी इंजीनियर की जिम्मेदारी होती है कि वह पुल के प्रत्येक हिस्से के डिजाइन को मंजूरी दे और इसे कई चरणों में परखे। निर्माण कंपनी और अथॉरिटी इंजीनियर के बीच डिजाइन को लेकर लगातार संवाद होता है। हालिया घटना के बाद निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।