पटना न्यूज डेस्क: पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र में हाउसिंग बोर्ड की एक कॉमर्शियल जमीन पुलिस के लिए डंपिंग यार्ड बन गई है, और इसी कारण वह विवादों में घिर गई है। रखरखाव के अभाव में खराब हो रहीं जब्त गाड़ियों को रखने के लिए दूसरी जगह न होने से पुलिस ने थाने से सटी इस भूमि पर वाहनों को खड़ा कर रखा है। इस जमीन का मूल्य लगभग 10 करोड़ रुपये है और इसे अतिक्रमण बताया जा रहा है।
कंकड़बाग निवासी अमित कुमार का कहना है कि मई 2023 में हाउसिंग बोर्ड द्वारा आयोजित नीलामी में उन्होंने सबसे ऊंची 10 करोड़ की बोली देकर प्लॉट हासिल किया था। जमीन उनके नाम अलॉट भी हो चुकी, लेकिन वह अब भी पुलिस के कब्जे में है। इस भूखंड पर पत्रकार नगर थाना द्वारा जब्त और खराब गाड़ियां खड़ी कर दी गई हैं। अमित का कहना है कि कई बार रिक्वेस्ट करने पर भी पुलिस ने जमीन खाली नहीं की।
मामले की शिकायत जब उन्होंने डीजीपी से की, तो दो बार पटना एसएसपी ने पत्रकार नगर थाना को वाहनों को हटाने का निर्देश जारी किया। पहला आदेश 9 जून 2023 को और दूसरा 11 जनवरी 2025 को जारी हुआ। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि हाउसिंग बोर्ड की वाणिज्यिक भूमि से सभी डंप वाहन हटाए जाएं। इसके बावजूद जमीन खाली नहीं की गई और पुलिस का कब्ज़ा बना हुआ है।
शिकायतकर्ता अमित कुमार का आरोप है कि थानेदार उनसे कह रहे हैं कि जब तक वे जमीन के बदले दूसरी जगह उपलब्ध नहीं कराते और उसकी चारदीवारी नहीं कराते, तब तक भूखंड खाली नहीं किया जाएगा। अमित का कहना है कि उनके पास अतिरिक्त जमीन नहीं है और वे अब न्याय के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। उनका कहना है, “मैंने जमीन खरीदी है, लेकिन उसका उपयोग नहीं कर पा रहा हूं। मुझे इंसाफ चाहिए।”