पटना न्यूज डेस्क: राजधानी पटना में शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। उम्मीदवारों का कहना है कि राज्य में लाखों योग्य अभ्यर्थी बेरोजगार बैठे हैं, लेकिन सरकार ने चौथे चरण की भर्ती में उम्मीद के मुताबिक पद नहीं निकाले। पहले दावा किया गया था कि एक लाख से अधिक पदों पर नियुक्तियां होंगी, लेकिन हाल ही में शिक्षा मंत्री द्वारा सिर्फ़ 26 हज़ार से कुछ अधिक पदों की घोषणा की गई। इसी से अभ्यर्थियों का विरोध और तेज हो गया है।
परीक्षा प्रक्रिया को लेकर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने साफ किया कि TRE-4 की भर्ती पूरी तरह पारदर्शी होगी। उन्होंने परीक्षा की तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि ये परीक्षा 16 से 19 दिसंबर 2025 तक होगी और नतीजे 20 से 26 जनवरी 2026 के बीच घोषित किए जाएंगे। मंत्री के इस बयान से असंतोष कम होने के बजाय और बढ़ गया है।
यह विवाद नया नहीं है। 9 सितंबर को भी जब अभ्यर्थियों ने सीएम आवास मार्च किया था, तब पुलिस और छात्रों के बीच टकराव हो गया था। हालात संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा था। उस दौरान कई छात्र घायल हुए और कुछ को हिरासत में भी लिया गया। उम्मीदवारों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, फिर भी उनके साथ सख्ती बरती गई।
स्थिति को देखते हुए पटना में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। जेपी गोलंबर और डाकबंगला चौराहे पर भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ बैरिकेडिंग की गई है। पुलिस अधिकारी लगातार हालात पर नज़र रखे हुए हैं। सुरक्षा बलों को स्पष्ट निर्देश हैं कि जरूरत पड़ने पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।