पटना न्यूज डेस्क: पटना में बहुत जल्द वाटर मेट्रो का ट्रायल शुरू होने वाला है। शुरुआत गंगा नदी पर दीघा घाट से एनआईटी कंगन घाट तक होगी। इसके लिए बिहार पर्यटन विभाग और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के बीच एमओयू साइन हुआ है। यह समझौता गुजरात के भावनगर में केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और मनसुख मांडवीय की मौजूदगी में हुआ। परियोजना पर करीब 908 करोड़ रुपये की लागत आने वाली है।
इस प्रोजेक्ट के तहत आधुनिक हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटामरान जलयान “एमवी निशादराज” जैसे पोत चलाए जाएंगे। ये बैटरी और हाइब्रिड मोड दोनों पर काम करेंगे और पूरी तरह से शून्य कार्बन उत्सर्जन वाले होंगे। इन जलयानों में लगभग 100 यात्री बैठ सकेंगे, जिनमें व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं के लिए भी सुविधा होगी। वातानुकूलित और आरामदायक सुविधाओं से लैस यह वाटर मेट्रो पटनावासियों के लिए यात्रा का नया अनुभव होगी।
पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह का कहना है कि यह प्रोजेक्ट पटना में पर्यटन को एक नई दिशा देगा। इससे न केवल शहर के लोगों बल्कि पर्यटकों को भी जलमार्ग के जरिए स्मार्ट, सुरक्षित और टिकाऊ यात्रा का अवसर मिलेगा।
पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि जल्द ही पटना से इसका ट्रायल किया जाएगा और भविष्य में 10 और जगहों को जोड़ा जाएगा। यह पहल पटना को देश के उन 18 शहरों की सूची में लाती है जहां आधुनिक शहरी जल परिवहन प्रणाली विकसित की जा रही है।